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Responsibilities Of Mothers: क्यों बच्चों की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ मां की होती है?

जब आप इस खूबसूरत से नए रिश्ते की नींव रखते हैं। तभी से आप इस रिश्ते में इमोशनली इंवॉल्व रहते हैं। तो जब आप दोनों ही इमोशनल इन्वॉल्व हैं। तो आप दोनों को ही अपने मध्य एक अच्छे कम्युनिकेशन (communication) को स्थापित करने की जरूरत होती है।

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Responsibilities Of Mothers

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Responsibilities Of Mothers: हमारे भारतीय समाज में हमने अक्सर देखा होगा , कि बहुत सी महिलाएं ऐसी होती हैं। जो अपने बच्चे के जन्म के बाद अधिकतर अपनी नौकरियों को या अपने पैशन को अलविदा कर देती हैं। क्या यह सही है ? देखिए मां-बाप दोनों की जिम्मेदारी होती है, अपने बच्चों की देखभाल करना। फिर पूरी सोसाइटी केवल महिलाओं से ही क्यूं एक्सपेक्ट करती है, कि वह बच्चों की देखभाल करें। अगर आपको अपने पैशन को फॉलो करना है। तो इसके लिए आपको पूरी छूट है। और बच्चों की जिम्मेदारी दोनों पर बराबर की है।

Why children are the only responsibilities of mothers?

1. बच्चे कि हर ज़िम्मेदारी (responsibility) मां की

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हमारे समाज में आखिर कब तक बच्चे की सारी जिम्मेदारी मां की रहेगी। अगर वह एक वर्किंग वूमेन है।इसके बाद भी उसे बच्चों की हर जिम्मेदारी को अकेले हैंडल करना पड़ता है। बच्चे का खाना , पीना, उठना , बैठना इस सब का ख्याल केवल मां रखती है। आखिर क्यों? हमें यह समझ  चाहिए और उस पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों पर जितना अधिकार मां का होता है उतना ही पिता का भी। तो बच्चे की जिम्मेदारियों का भी तो अधिकार आधा-आधा होता है।

2. परेंट प्रेगनेंट (pregnant) होते हैं

जब हम दोनों की जिम्मेदारियों की बात करें तो हमें यह बात जरूर याद रखनी चाहिए कि , जब आपको पता चला की आप पेरेंट्स बनने वाले हैं। तो आप दोनों को ही बराबर से खुशी होती है। क्योंकि माता-पिता दोनों की पेरेंट्स बनते हैं। केवल मां या केवल पिता अकेले पैरेंट्स नहीं कहलाया जा सकते। इस बात को ध्यान में रखते हुए आप दोनों को ही इस नए रिश्ते की जिम्मेदारियों को , उसी खुशी के साथ निभाना चाहिए जिस खुशी के साथ आप ने इस नए रिश्ते में  कदम रखे थे।

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3. दोनों ही इमोशनली इन्वॉल्व होते है

जब आप इस खूबसूरत से नए रिश्ते की नींव रखते हैं। तभी से आप इस रिश्ते में इमोशनली इंवॉल्व रहते हैं। तो जब आप दोनों ही इमोशनल इन्वॉल्व हैं। तो आप दोनों को ही  अपने मध्य एक अच्छे कम्युनिकेशन (communication) को स्थापित करने की जरूरत होती है। जब आपको जरूरत हो तो वह बच्चे का ध्यान रखें और जब उन्हें काम करना हो  तब आप बच्चे का ध्यान रखें।

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4. आप दोनो का रिश्ता होगा मजबूत

जब आप दोनों ही इस नए रिश्ते की नई चुनौतियों को एक साथ मिलकर  सुलझाएंगे। तो आप दोनों का रिश्ता और भी मजबूत  होगा। आप दोनों बराबरी से बिना किसी भेदभाव के अगर बच्चे की जिम्मेदारियों को उठाते हैं। तो आप दोनों ही एक दूसरे की नजरों में और ज्यादा रिस्पेक्ट पाते है।

5. बच्चे से एक समान होगा लगाव

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हमारे समाज में अक्सर महिलाएं बच्चों से ज्यादा लगाव रखती हैं। इसका कारण शायद यह भी है , की बचपन से लेकर सारी जिंदगी महिलाएं बच्चों से , उनकी जिम्मेदारियों से ज्यादा जुड़ाव रखती हैं। लेकिन अगर आप दोनों ही बच्चों से और बच्चों की जिम्मेदारियों से जुड़ाव रखेंगे। वह भी बचपन से। तो जीवन भर आप दोनों का लगाव बच्चों से एक समान होगा। 

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