2022 खत्म होने जा रहा है। आज साल का आखिरी दिन है इस दिन पर हम आपके साथ दुनिया भर में औरतों की ऐसी घटनाएं सांझी करेंगे जिन्होंने पुरे विश्व में बहुत प्रभाव डाला है। इस साल औरतें अपने अधिकारों के लिए जी तोड़ लड़ी हैं। हमने इस साल औरतों के अधिकारों को छिनते होते हुए देखा हैलेकिन इसके साथ उन्हें अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी देखा है। आज हम ऐसी ही दो घटनाओं के बारे में बात करेंगे जिन्होंने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।
Women's Rights: ईरान से अफ़ग़ानिस्तान तक औरतों के अधिकारों की दास्ताँ
IRAN PROTEST
सितंबर 2022 में तेहरान की नैतिकता पुलिस ने 22 वर्षीय महसा अमिनी को हिरासत में लिया जिसके बाद उसकी मौत से पुरे देश में हड़कंप मच गया और विरोध की आग फ़ैल गई जो अभी तक शांत नहीं हुई है। के अनुसार प्रदर्शनकारियों "जिसने भी मेरी बहन को मारा मैं उसे मार डालूंगा!" के नारे लगाने शुरू कर दिए।
यह आंदोलन 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से लिपिक शासन के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक बन गया है।
इस आंदोलन ने पूरे विश्व में एक उदाहरण को सेट किया है सरकारें चाहे जितनी मर्ज़ी तानशाह बन जाए लेकिन जब तक अवाम अपने हक्कों के प्रति जागरूक और एकजुट होकर लड़ रही है तब तक सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। ईरान में जो हुआ और हो रहा है कट्टरवाद की निशानी है जिसमें आम लोगों की राय और उनकी आज़ादी का कोई ख्याल नहीं हैं।
मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में 22 नवंबर तक 300 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 40 से अधिक बच्चे शामिल हैं इसके साथ ही 14,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।4 दिसम्बर को खबर आई नैतिकता पुलिस को बंद कर दिया गया है लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है जो बल की निगरानी करता है।
Afghanistan 2022
जब से तालिबान द्वारा Afghanistan को अपने कब्ज़े में लिया गया है तब से वहां औरतों अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है। औरतों को शिक्षा से दूर किया जा रहा है। उनके बहार आने-जाने पर रोक लगाई जा रही है।
सबसे पहले औरतों की सेकेंडरी एजुकेशन पर प्रतिबंद लगाया गया उसके बाद उन्हें जिम, पार्क आदि जाने से रोक लगा दी गई।
United nations की रिपोर्ट अनुसार “महिलाओं के साथ रंगीन कपड़े पहनने वाले या बिना चेहरा ढके पुरुषों को तालिबानी अधिकारियों ने बेरहमी से पीटा है। तालिबान महिलाओं के कथित अपराधों के लिए पुरुष रिश्तेदारों को दंडित करके महिलाओं और लड़कियों की एजेंसी को हटा रहे हैं, और पुरुषों और लड़कों को उनके सर्कल में महिलाओं और लड़कियों के व्यवहार, पोशाक और आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करके एक लिंग को दूसरे के खिलाफ साधन बना रहे हैं”।
अलजज़ीरा के अनुसार, अफगानिस्तान के तालिबान संचालित उच्च शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है अगली सूचना तक महिला छात्रों को देश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।