Role of Parents In Development of Child: बच्चें अक्सर किसी को देख कर सब कुछ सीखते है और बोलते है कभी– कभी ऐसा होता है की वे गलत बातें सिख लेते है। बच्चों को सही चीज़े सीखना पेरेंट्स का काम होता है।बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट में पेरेंट्स का महत्वपूर्ण रोल होता है। बच्चों का मस्तिष्क जन्म से लेकर पांच साल तक तेजी से विकसित होता है, और इस दौरान उनके अनुभव, परवरिश और पेरेंट्स की भूमिका बहुत इंपॉर्टेंट होती है।तो आइए जानते है, पेरेंट्स कैसे अपने बच्चों के मस्तिष्क के विकास में योगदान कर सकते हैं।
बच्चो के ब्रेन डिवेलपमेंट में पेरेंट्स के 5 रोल
1. प्रारंभिक अनुभव और सीख
जब बच्चा पहली बार कुछ देखता है या अनुभव करता है तो उसे वो चीज आकर्षित करती है। बच्चे नए अनुभव करते हैं, जैसे कि नई चीजें देखते हैं, सुनते हैं, या महसूस करते हैं, तो उनके मस्तिष्क में नई कनेक्शन्स बनती हैं। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के सकारात्मक अनुभव प्रदान करें।
2. संवाद और भाषा विकास
बच्चों के भाषा विकास में पेरेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। छोटे बच्चों से बात करना, कहानियां सुनाना, गाने गाना और उनके साथ संवाद करना उनके मस्तिष्क के भाषा क्षेत्र को विकसित करता है। जितना अधिक बच्चे भाषा सुनेंगे और समझेंगे, उतना ही उनकी भाषा सीखने की क्षमता बढ़ेगी।
3. प्यार और भावनात्मक समर्थन
बच्चों को प्यार, स्नेह और भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है। जब बच्चे पेरेंट्स के प्यार और समर्थन का अनुभव करते हैं, तो उनके मस्तिष्क में सकारात्मक हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो कि उनके विकास के लिए आवश्यक होते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ समय बिताएं, उन्हें गले लगाएं, और उनकी भावनाओं को समझें।
4. प्रॉपर रूटीन
बच्चों को एक प्रॉपर रूटीन की आवश्यकता होती है जो उनके मस्तिष्क को सुरक्षा का अनुभव देता है। नियमित खाने, सोने और खेलने का समय बच्चों को एक स्थिरता प्रदान करता है। पेरेंट्स का योगदान उन्हें सही और गलत के बारे में सिखाने में मदद करता है, जो कि उनके नैतिक और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। एक प्रॉपर रुटीन होने से बच्चें शुरुवाती दौर से ही डिसिप्लिन में रहना सीखते है।
5. खेल और स्किल
खेल बच्चों के शारीरिक और मस्तिष्कीय विकास के लिए आवश्यक हैं। खेल के दौरान बच्चे नई चीजें सीखते हैं, समस्याओं का समाधान करते हैं, और अपनी पॉजिटिविटी को बढ़ावा देते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को खेल में संलग्न करें और उन्हें नए-नए खेल और स्किल में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें।