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Image Credit: CWDS Archives
Role of Women in the Constituent Assembly: भारतीय संविधान पूरे देश को एक धागे में बांधे रखने का काम करता है। यह देश की विविधता को ध्यान में रखता है। आजादी के बाद एक ऐसे डॉक्यूमेंट की जरूरत थी जिससे पूरे देश में एकरूपता आ सके। इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया ताकि देश के संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया जा सके। इस सभा के 389 मेंबर थे जिनमें से 15 महिलाएं थीं। चलिए आज इनमें से 5 महिलाओं के बारे में जानते हैं-
जानिए संविधान सभा में हिस्सा लेनी वाली 5 महिलाएं
1.अम्मू स्वामीनाथन
अम्मू का जन्म 1894 में केरल में हुआ। शादी के बाद यह मद्रास शिफ्ट हो गईं। इन्होंने 1934 में इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया और भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया। 1946 में इन्हें संविधान सभा में चुना गया जहां पर इन्होंने मौलिक अधिकारों और डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स के ऊपर बात की। इन्होंने महिला वर्कर्स को आने वाली आर्थिक समस्याओं और मुद्दों पर प्रकाश डाला। यह उन महिलाओं में से पहली थीं जिन्होंने महिलाओं के लिए एडल्ट फ्रेंचाइजी और संवैधानिक अधिकारों की बात की।
2. एनी मैस्करेन
Annie का जन्म 6 जून, 1902 को केरल में हुआ। उन्होंने हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। यह त्रावणकोर स्टेट कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन करने वाली पहली महिला थीं। मैस्करीन ने संविधान सभा में त्रावणकोर रियासत और कोचीन संघ का प्रतिनिधित्व किया। वह पॉलिटिशियन होने के साथ-साथ एक्टिविस्ट और लॉयर भी थीं। वह भारतीय राष्ट्र के भीतर रियासतों की स्वतंत्रता और एकीकरण के लिए आंदोलनों करने वाली नेताओं में से एक थी। उन्होंने हिंदू कोड बिल पर विचार कर रही संविधान सभा की चयन समिति में भी काम किया।
3. दक्षिणायनी वेलायुधन
दक्षिणायनी का जन्म कोच्चि में हुआ। यह ऐसा समय था जब केरल में जाति व्यवस्था बहुत कठोर थी और उनका जन्म भी दलित परिवार में हुआ था जिस कारण उन्हें बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद भी वह उन 15 महिलाओं में से थीं जो संविधान सभा की सदस्य थीं। 1945 में दक्षिणायनी को कोच्चिन विधान परिषद के लिए नामित किया गया। इसके साथ ही उन्हें अगले साल 1946 में भारत की संविधान सभा के लिए चुना गया। 32 वर्षीय दक्षिणायनी पहली दलित महिला थीं जिन्हें संविधान सभा में चुना गया। इसके साथ ही यह सबसे कम उम्र की मेंबर थी।
4. बेगम एजाज रसूल
संविधान सभा की एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्य बेगम एजाज रसूल थीं जिनके पिता जुल्फिकार अली खान थे। उनका संबंध मलेरकोटला से था। बेगम ने अपने पति के साथ मुस्लिम लीग से राजनीति में दाखिला लिया। 1946 में उन्हें संविधान सभा के लिए चुना गया। मुस्लिम लीग के खत्म हो जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस को ज्वाइन किया। इसके बाद वह राज्यसभा के मेंबर के तौर पर चुनी गईं। इसके बाद 1969 से 1990 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा की मेंबर रहीं।
5. दुर्गाबाई देशमुख
दुर्गाबाई देशमुख समाज सुधारक थीं जिन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान नमक सत्याग्रह की गतिविधियों में भाग लिया जिसे गांधी जी लीड कर रहे थे। आंदोलन के दौरान महिला सत्याग्रहों को एक साथ करने में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया जिसकी वजह से उन्हें तीन बार जेल भी जाना पड़ा। संविधान सभा में उन्हें मद्रास प्रोविंस से चुना गया।