भारत जैसे देश में शादी को बहुत बढ़ा माना जाता है। लोग शादियों पर बहुत सारा पैसा खर्च कर देते है। समाज का मानना है कि औरतों को एक उम्र तक शादी करवा लेनी चाहिए। इसके बाद बच्चे हो जाने चाहिए फिर उसकी लाइफ़ पूरी तरह सेट है। यहाँ एक तरफ़ लोगों को शादियों को लेकर इतनी अब्सेशन है वहीं पर अगर हम दूसरी शादी की बात करें तो आज भी इसे अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन धीरे-धीरे अभी इस चीज़ को स्वीकार किया जा रहा है। दूसरी मैरिज एक बहुत अच्छा ऑप्शन है इससे आप अपनी लाइफ़ फिर से शुरू कर सकते हो। अगर किसी कारण पहली मैरिज नहीं रही है जैसे आपका तलाक़ हो गया हो या फिर आपके पार्ट्नर की मौत हो गई हो। ऐसी स्थिति में आप अपने पास्ट को भुलाकर एक आगे नई लाइफ़ शुरू कर सकते है।
Second Marriage: क्यों करनी चाहिए दूसरी मैरिज
1. आप पार्ट्नर समझदारी से चुनते हो
जब आप किसी से दूसरी बार शादी करते हो तो आप पहले वाले गलतियों को दोहराते नहीं हो। आप अपनी गलतियों से सीखते हो। आपकी समझ ज्यादा खुलती है। आप ज्यादा लॉजिकल अप्रोच रखते हो। इस बार ज्यादा इमोशनली नहीं सोचते आप फैक्ट्स पर ही ध्यान देते हो।
2. अपने आप को जानने लगते हो
जब आप किसी टॉक्सिक रिलेशन से बाहर निकलते हो तो आपको अपनी वैल्यू पता लग जाती है। आप अपने बारे में बहुत सी चीजों के बारे में जानते हो जो आपको पहले नहीं पता थी। आपको यह पता लगता है कि आप क्या चाहते हो? कैसा पाटनर आपको चाहिए? जो आपके रिश्ते की नींव को स्ट्रॉन्ग बनाता है।
3. अपने आप से कनेक्टेड फील करना
जब आप अपने पहले रिश्ते से बाहर निकलते हो उस समय आप बहुत कुछ सहन करते हो। आप बहुत कठिन समय से गुजरते हो। जिससे आप अपने और करीब आ जाते हो। आप अपनी वैल्यू करने लग जाते हो फिर जब आप नए रिश्ते यानी दूसरी मैरिज करने लगते हो आप समझ जाते हो छोटी-छोटी चीजों को इग्नोर नहीं करना चाहिए यही चीजें आगे जाकर रिश्तो में दरार डालती है।
4. आप छोटी छोटी चीजों में भी खुशी ढूंढते हो
जब आप किसी टॉक्सिक रिलेशन या किसी ऐसे ब्रोकन रिश्ते से उभरते होते हो और आप अपनी नई लाइफ की शुरुआत करते हो। इस समय आप हैप्पीनेस या खुश रहने की वैल्यू को जान लेते हो। आप अपने पार्टनर के साथ छोटी छोटी चीजों को सेलिब्रेट करते हो आप एक दूसरे की प्रशंसा करते हो।
5. मैच्योरिटी ज्यादा आ जाती है
कई बार ऐसा होता है कि आपकी छोटी उम्र में ही शादी हो जाती है या आपको रिलेशन में कैसे रहने उसका एक्सपीरियंस नहीं होता। फिर जब आप की शादी होती है तो आपको चीजों को समझ नहीं पाते। ऐसे जब आपकी दूसरी शादी होती है आपको पता लग जाता है कि एक रिश्ते को निभाने के लिए कौन-कौन सी चीजें जरूरी होती है आप चीजों को अच्छे से डील करने लग जाते हो। आप छोटी-छोटी चीजों को ज्यादा भाव नहीं देते। आप में एक अच्छी समझ आ जाती है।