New Update
क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपकी नींद केवल इसलिए अचानक से खुल गई हो क्योंकि आपने कोई इरॉटिक सपना देख लिया? अगर हां, तो इसी अवस्था को स्लीप ऑर्गैज्म (Sleep Orgasm in Hindi) कहते हैं। डॉ तान्या के अनुसार स्लीप ऑर्गैज्म Sleep Orgasm in Hindi ऐक्चुअल फिजिकल ऑर्गैज्म ही होता है। भले ही आपको यह सुन कर थोड़ा अजीब लगे लेकिन स्लीप ऑर्गैज्म Sleep Orgasm in Hindi एक हकीकत है। लड़कों में इसे वेट ड्रीम्स (Wet Dreams) या स्वप्नदोष (Night Fall) कहते हैं लेकिन जब यह महिलाओं को हाता है तब इसे स्लीप ऑर्गैज्म कहते हैं। यह तब होता है जब आप नींद में क्लाइमैक्स का अनुभव करें और उसी वक्त आपकी नींद खुल जाए। यह ज्यादातर प्यूबर्टी से गुजर रहे लड़के और लड़कियों को होता है या फिर तब जब आप सेक्शुअली एक्टिव न हों।
डॉ तान्या के अनुसार स्लीप ऑर्गैज्म होना स्वभाविक है। यह होने का मतलब है कि आपका शरीर सेक्शुअली डेवलप हो रहा है, तो इससे घबरानें की ज़रूर बिल्कुल नही है। एक रिसर्च के अकोर्डिंग करीब 37 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो अपनी लाइफ में कम से कम एक बार स्लीप ऑर्गैज्म का अनुभव जरूर करती हैं।
यह जिन्हें होता है उन महिलाओं के शरीर में कुछ फिजियोलॉजिकल चेंज भी होते हैं, जैसे-
-उन महिलाओं का हार्ट रेट 50 से बढ़कर 100 बीट्स प्रति मिनट तक बढ़ना,
-वजाइनल ब्लड फ्लो में बढ़ोतरी होना।
वैसे तो स्लीप ऑर्गैज्म बिल्कुल सामान्य शारीरिक स्थिति है। लेकिन, अगर आपको यह रोजाना या बार-बार हो रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसके साइड इफेक्ट्स भी होते है, जैसे-
-सेक्शुअल, मेंटल या फिजिकल वीकनेस
-इंसोम्निया (Insomnia)
-घुटनों में दर्द
-कमजोर याद्दाश्त
-कमजोर नजर
-बाल झड़ना
इसका कोई उपचार या ट्रीटमेंट तो नहीं है। लेकिन, कुछ टिप्स की मदद से आप इसको कम कर सकती हैं, जैसे
-सोने से कम से कम दो घंटे पहले पानी या ऑयली फूड का सेवन बंद कर दें।
-सोने के एक घंटे के अंदर पेशाब करके सोयें।
-सोने से पहले अपने दिमाग को शांत रखें, ताकि आपको गहरी और अच्छी नींद आएं। इसके लिए, आप सोने से पहले सूदिंग म्यूजिक या बुक पढ़ सकते हैं।
-स्लीप ऑर्गैज्म को कम करने के लिए मेडिटेशन बहुत अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। क्योंकि, तनाव के दौरान आपको गहरी और अच्छी नींद प्राप्त नहीं हो पाती और इस वजह से आपके सपने देखने की संभावना बढ़ती है। मेडिटेशन करके तनाव को कम किया जा सकता है और दिमाग को शांत रखा जा सकता है।
-तीखा या चटपटा खाने से सेक्स ड्राइव बढ़ती है और आपके शरीर में उत्तेजना हो सकती है। इसलिए, आप खाने में तीखा या चटपटा खाना कम करें।
-पॉर्न देखना कम कर दें।
पढ़िए: White Discharge कोई बीमारी नहीं, जानें इससे जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें
क्यों होता है स्लीप ऑर्गैज्म?
डॉ तान्या के अनुसार स्लीप ऑर्गैज्म होना स्वभाविक है। यह होने का मतलब है कि आपका शरीर सेक्शुअली डेवलप हो रहा है, तो इससे घबरानें की ज़रूर बिल्कुल नही है। एक रिसर्च के अकोर्डिंग करीब 37 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो अपनी लाइफ में कम से कम एक बार स्लीप ऑर्गैज्म का अनुभव जरूर करती हैं।
यह जिन्हें होता है उन महिलाओं के शरीर में कुछ फिजियोलॉजिकल चेंज भी होते हैं, जैसे-
-उन महिलाओं का हार्ट रेट 50 से बढ़कर 100 बीट्स प्रति मिनट तक बढ़ना,
-वजाइनल ब्लड फ्लो में बढ़ोतरी होना।
स्लीप ऑर्गैज्म के साइड इफेक्ट्स
वैसे तो स्लीप ऑर्गैज्म बिल्कुल सामान्य शारीरिक स्थिति है। लेकिन, अगर आपको यह रोजाना या बार-बार हो रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसके साइड इफेक्ट्स भी होते है, जैसे-
-सेक्शुअल, मेंटल या फिजिकल वीकनेस
-इंसोम्निया (Insomnia)
-घुटनों में दर्द
-कमजोर याद्दाश्त
-कमजोर नजर
-बाल झड़ना
स्लीप ऑर्गैज्म को कम करने के टिप्स
इसका कोई उपचार या ट्रीटमेंट तो नहीं है। लेकिन, कुछ टिप्स की मदद से आप इसको कम कर सकती हैं, जैसे
-सोने से कम से कम दो घंटे पहले पानी या ऑयली फूड का सेवन बंद कर दें।
-सोने के एक घंटे के अंदर पेशाब करके सोयें।
-सोने से पहले अपने दिमाग को शांत रखें, ताकि आपको गहरी और अच्छी नींद आएं। इसके लिए, आप सोने से पहले सूदिंग म्यूजिक या बुक पढ़ सकते हैं।
-स्लीप ऑर्गैज्म को कम करने के लिए मेडिटेशन बहुत अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। क्योंकि, तनाव के दौरान आपको गहरी और अच्छी नींद प्राप्त नहीं हो पाती और इस वजह से आपके सपने देखने की संभावना बढ़ती है। मेडिटेशन करके तनाव को कम किया जा सकता है और दिमाग को शांत रखा जा सकता है।
-तीखा या चटपटा खाने से सेक्स ड्राइव बढ़ती है और आपके शरीर में उत्तेजना हो सकती है। इसलिए, आप खाने में तीखा या चटपटा खाना कम करें।
-पॉर्न देखना कम कर दें।
पढ़िए: White Discharge कोई बीमारी नहीं, जानें इससे जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें