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भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री Indira Gandhi का राजनितिक सफर

राजनीतिक परिवार में पैदा हुई श्रीमती इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 में ब्रिटिश इंडिया में हुआ। उनका पूरा नाम 'इंदिरा प्रियदर्शिनी' नेहरू था। उनके पिता माननीय पंडित जवाहरलाल नेहरु थे जो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।

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Rajveer Kaur
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Indira Gandhi (Pinterset)

Indira Gandhi (Pinterset)

Story Of First Female Pm Indira Gandhi: भारत देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मदिन 19 नवंबर को है। राजनीतिक परिवार में पैदा हुई श्रीमती इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 में ब्रिटिश इंडिया में हुआ। उनका पूरा नाम 'इंदिरा प्रियदर्शिनी' नेहरू था। उनके पिता माननीय पंडित जवाहरलाल नेहरु थे जो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने मर्द प्रधान समाज में एक अलग बनाई थी। यह सफ़र आसान नहीं था। आज उनके राजनीतिक सफर को हम आपके साथ शेयर करेंगे। चलिए शुरू करते हैं -

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भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री Indira Gandhi का राजनितिक सफर

शुरुआती जीवन

उनकी माता का नाम  कमला नेहरू था और सिर्फ 36 साल की उम्र में TB की बीमारी के कारण इनकी मौत हो गई। आनंद भवन में इंदिरा जी की शादी फ्रीडम फाइटर फिरोज गांधी से 1942 में हुई और इनके दो बच्चे पैदा हुए-राजीव गांधी और संजय गांधी थे।

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राजनीतिक करियर

इनके पिता पंडित जवाहरलाल इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे इस कारण इन्होंने भी इस पार्टी को ही ज्वाइन किया।  indiragandhi. com के अनुसार, 1955 में इंदिरा गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी और सेंट्रल इलेक्शन पार्टी की मेंबर बनी। इसके बाद 1959 में इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी की प्रधान बनीं। 1964 में राज्य सभा की मेंबर भी रहीं और 1964 से 1966 तक वे इनफॉरमेशन ओर ब्रॉडकास्टिंग की भी मिनिस्टर रही हैं। 1966 में मोरारजी देसाई को हराकर इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

इस सब के बीच 1967 से 1969 तक एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्टर, 1970 से 1973 तक मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स, 1972 से 1977 तक मिनिस्ट्री ऑफ़ स्पेस का पदभार संभाला।

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अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी भारत की दूसरी ऐसी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली।

जंग

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1971 में इंडिया पाकिस्तान जंग हुई थी जिसमें भारत ने इस जंग को जीता था।

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इमरजेंसी

देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरफ से जून 25, 1975 में पूरे देश में इमरजेंसी लगा दी गई और बहुत सारे विरोधी पार्टियों के लीडर्स को भी गिरफ्तार किया गया। इमरजेंसी का यह दौर 21 महीने तक चला था इस पर उस समय के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भी साथ दिया था। इसकी सूचना आकाशवाणी रेडियो के जरिए पूरे देश में दी गई थी। इस इमरजेंसी में जो सबसे बड़ी घटना हुई वो थीं कि प्रेस पर बिल्कुल सेंसरशिप लगा दी गई थी अगर कुछ भी सरकार के खिलाफ पब्लिश किया जाता है तो तुरंत गिरफ्तारी हो सकती थी। 23 मार्च 1977 को इमरजेंसी आधिकारिक तौर पर बंद हुई।

मृत्यु

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इंदिरा गांधी की मौत भी काफी विवादित मुद्दा है। 31 अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। दो दिन तक उनकी बॉडी को 'तीन मूर्ति हाउस' में रखा गया। इसके बाद नॉर्थ इंडिया में हुए दंगों में 8,000 सिखों को मार दिया गया। दिल्ली में यह संख्या 3, 000 से ज्यादा थी।

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