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जानिए Independent Women को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

हमारे समाज में इंडीपेंडेंट महिला होना आसान नहीं है। आपको बहुत सारे उतार-चढ़ावों से गुजरना पड़ता है और समाज में आपके लिए सहज माहौल नहीं बनाया जाता है।

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Rajveer Kaur
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Independent Women

Struggles Of Independent Women: हमारे समाज में इंडीपेंडेंट महिला होना आसान नहीं है। आपको बहुत सारे उतार-चढ़ावों से गुजरना पड़ता है और समाज में आपके लिए सहज माहौल नहीं बनाया जाता है। प्रगति के बावजूद, महिलाओं को अभी भी ट्रेडिशनल जेंडर रोल के अनुरूप काम करने के लिए सामाजिक अपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है या अपनी इंडिपेंडेंस के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है। आज हम इंडिपेंडेंट महिला के स्ट्रगल्स के ऊपर बात करेंगे।

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जानिए Independent Women को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

दोगुनी जिम्मेदारियां

अगर आज की महिला इंडीपेंडेंट है तो उसके ऊपर घर की जिम्मेदारियां भी आ गई है। पहले के समय में महिलाएं सिर्फ घर का काम करती थी और पुरुष बाहर जाकर कमाई करके लेकर आते थे।उस समय ऐसा बोला जाता था कि महिलाओं को समाज में बराबरी नहीं मिल रही है जिस वजह से उन्हें घर से बाहर काम करने नहीं दिया जा रहा है। आज जब महिला घर से बाहर जाकर काम कर रही है तो घर पर उन्हें बराबरी नहीं मिल रही है। कहने का तात्पर्य है कि स्थिति उल्टी हो गई है लेकिन मूल समस्या नहीं बदली है। आज जॉब से आने के बाद घर के काम सिर्फ महिलाएं ही करती हैं। इस दोगुने बोझ की वजह से उन्हें बर्नआउट और स्ट्रेस ऐसी समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

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समाज की जजमेंट का सामना

एक महिला इंडीपेंडेंट होने के बाद जब जिंदगी को अपने तरीके से जीना शुरु करती है तो उसकी चॉइस पर सवाल उठने हो जाते हैं। उसके चरित्र पर सवाल उठाए जाते है उसकी पसंद या नापसंद के ऊपर बातें की जाती हैं। समाज का प्रेशर भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। उन महिलाओं को सेल्फिश बोला जाता है जो परिवार से ऊपर करियर को रखती है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसी औरतों की समाज में कोई इज्जत नहीं होती है या फिर इन्हें कोई पूछता नहीं है।उनके ऊपर शादी का दबाव बनाया जाता है। बहुत सारी महिलाओं को करियर में सक्सेसफुल होने के बाद भी यह सुनना पड़ता है कि असली सक्सेस तो शादी ही है।

इमोशनल और मेंटल स्ट्रगल

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इंडीपेंडेंट होने के बाद महिलाओं को बहुत सारे इमोशनल और मेंटल स्ट्रगल से जूझना पड़ता है। एक महिला के इंडीपेंडेंट होने के बाद जिम्मेदारियां दोगुनी हो जाती है जैसे उन्हें करियर से जुड़ी अपनी कमिटमेंट को भी पूरा करना होता है और घर वालों का प्रेशर अलग होता है। इसके साथ ही अगर महिला एक मन है तो उसे अपनी मदरहुड रिस्पांसिबिलिटीज को भी पूरा करना पड़ता है बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारी अक्सर महिलाओं आ जाती है। में अगर किसी का सपोर्ट नहीं मिलता है तो करियर और परिवार दोनों को संभालना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

वर्क लाइफ बैलेंस

वर्क लाइफ बैलेंस करना आज की महिला की सबसे बड़ी चुनौती हो गई है जिस वजह से उसे बर्नआउट स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है लेकिन महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है इसके लिए उन्हें सबसे पहले खुद को प्राथमिकता देनी पड़ेगी और दूसरों को मना करना सीखना होगा अगर आप दूसरों के कामों को अपने से पहले रखेंगे तो आप अपनी वेल्डिंग का कभी भी ध्यान नहीं रख पाएंगे यह आज की सबसे बड़ी चुनौती है और आपको लिमिटेड समय ही अपने घर और काम को देना चाहिए और इन सब के बीच अपने लिए भी समय चुरा लेना चाहिए

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