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हालांकि फिर भी एक बाधा अभी भी एथलीटों के लिए बनी हुई हैं, जो ख़ासकर मां हैं।
ओलंपिक के दौरान स्तनपान
माताएँ पेरिस 1900 खेलों के बाद से ओलंपिक में इस परेशानी का सामना कर रही हैं। लेकिन 2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलों ने मांताओं के सामने आने वाली बाधाओं को दिखाया और समझा है।
कनाडाई बास्केटबॉल खिलाड़ी किम बाउचर ने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी तीन महीने की बेटी को टोक्यो लाने की अनुमति देने की अनुरोध की थी। लेकिन ऑर्गेनाइजिंग कमिटी इन इसके लिए मना कर दिया था। वही जब यह बात अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक फैली तो कमेटी का रुख बदल गया। जिसके बाद अब बाउचर और उनकी बेटी एक साथ ओलंपिक खेलों में उपस्थित रहेंगे।
दोबारा जीत हासिल करना
2018 में, कनाडाई ओलंपिक बॉक्सर मैंडी बुजॉल्ड की बेटी का जन्म हुआ था। लेकिन इस कारण वह टूर्नामेंट में पार्टिसिपेट नहीं कर पाई थी। लेकिन इसके बावजूद भी बुजॉल्ड ने टोक्यो 2020 पर उनकी नजरें थी।
वही इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी की बॉक्सिंग टास्क फोर्स ने घोषणा की कि टोक्यो खेलों के लिए क्वालीफिकेशन क्राइटेरिया तीन टूर्नामेंटों की रैंकिंग पर आधारित होगा। जहां बुजॉल्ड अपनी गर्भावस्था के कारण पार्टिसिपेट नहीं कर पाई थी।
बुजॉल्ड ने वापस लड़ाई लड़ी, अपने मामले को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में लाया था। जिसके बाद 30 जून को फैसला में क्वालिफिकेशन पीरियड के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए आवास बनाया जाना चाहिए।
वही एलाइट स्पोर्ट्स के खेल में आमतौर पर प्रेग्नेंट एथलीटों को पार्टिसिपेट नहीं करने दिया जाता है। हालांकि महिला एथलीट यह के खिलाफ जोर दे रही हैं कि उन्हें गर्भावस्था के दौरान कंपटीशन करना जारी रखना चाहिए।
टोक्यो ओलंपिक गेम