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शादी करने के बाद पैरेंट बनना एक बहुत खूबसूरत प्रक्रिया होती है। पैरेंट बनने से आपकी शादीशुदा जीवन को कम्पलीट माना जाता है पर पैरेंट बनने से पहले ऐसी कुछ बातें हैं जो आपको याद राखी चाहिए ऐसा करने से आपको पैरेंट बनने के बाद दिक्कत नहीं होगी। पेरेंटिंग की कठिनाइयां
पैरेंट बनने से पहले बेहद जरुरी हो जाता है उसकी प्लानिंग यानि की तैयारी करना। इस के लिए आपको ध्यान देना होगा कि आप कब बच्चा चाहते हैं शादी के कितने समय बाद फिर उस हिसाब से म्यूच्यूअल कंसेंट से ही करें ।
जब आप पैरेंट बन ने वाले होते हैं तो आप की वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ का संतुलन बनाना बहुत जरुरी हो जाता है। अगर आप दोनों पार्टनर्स वर्किंग हैं तो कौन कब वर्क से छुट्टी लेगा और कौन कब घर मैनेज करेगा ताकि बाद में घर में चिक-चिक ना हो और शांति बरक़रार रहे।
एक घर मे घर के सदस्यों के अनुसार पैसों का विभाजन रहता है इसलिए घर में सदस्य बढ़ने से खर्चे भी बढ़ जातें हैं। इस समय पर ये जरुरी है कि आपको पता हो कि क्या आप एक्स्ट्रा खर्चा मैनेज कर पायेंगे और क्या आप उसके लिए भी तैयार हैं।
पैरेंट बनना जितना ख़ुशी का पल होता है उस से ज्यादा मुश्किल पेरेंटिंग करना होता है। परवरिश करते वक़्त ना कि सिर्फ बच्चा बल्कि माता-पिता भी बच्चे से और बच्चे के बारे में कई नई चीज़ें सीखते हैं।
जब आप पेरेंट्स बनते हैं तो कोशिश करें कि आप बच्चे के पैदा होने पर अनावश्यक खर्चा ना करें और फ्यूचर के लिए भी पैसा सही समय से जोड़ना चालू कर दे क्योंकि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसके खर्चे भी बढ़ते जाते हैं और मैनेज करना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से घर में भी तनाव का माहौल हो जाता है।
1. प्लानिंग करना है सबसे जरुरी
पैरेंट बनने से पहले बेहद जरुरी हो जाता है उसकी प्लानिंग यानि की तैयारी करना। इस के लिए आपको ध्यान देना होगा कि आप कब बच्चा चाहते हैं शादी के कितने समय बाद फिर उस हिसाब से म्यूच्यूअल कंसेंट से ही करें ।
2. करियर को ध्यान में रखें
जब आप पैरेंट बन ने वाले होते हैं तो आप की वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ का संतुलन बनाना बहुत जरुरी हो जाता है। अगर आप दोनों पार्टनर्स वर्किंग हैं तो कौन कब वर्क से छुट्टी लेगा और कौन कब घर मैनेज करेगा ताकि बाद में घर में चिक-चिक ना हो और शांति बरक़रार रहे।
3. फाइनेंसियल तैयारी करके रखें
एक घर मे घर के सदस्यों के अनुसार पैसों का विभाजन रहता है इसलिए घर में सदस्य बढ़ने से खर्चे भी बढ़ जातें हैं। इस समय पर ये जरुरी है कि आपको पता हो कि क्या आप एक्स्ट्रा खर्चा मैनेज कर पायेंगे और क्या आप उसके लिए भी तैयार हैं।
4. पेरेंटिंग
पैरेंट बनना जितना ख़ुशी का पल होता है उस से ज्यादा मुश्किल पेरेंटिंग करना होता है। परवरिश करते वक़्त ना कि सिर्फ बच्चा बल्कि माता-पिता भी बच्चे से और बच्चे के बारे में कई नई चीज़ें सीखते हैं।
5. सेविंग का ध्यान रखें
जब आप पेरेंट्स बनते हैं तो कोशिश करें कि आप बच्चे के पैदा होने पर अनावश्यक खर्चा ना करें और फ्यूचर के लिए भी पैसा सही समय से जोड़ना चालू कर दे क्योंकि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसके खर्चे भी बढ़ते जाते हैं और मैनेज करना मुश्किल हो जाता है जिसकी वजह से घर में भी तनाव का माहौल हो जाता है।