Start Investing: अगर हम ग्लोबल रिपोर्ट की बात माने, तो मर्दों के पास रिटायरमेंट के समय महिलाओं से अधिक पैसा होता है। चाहे वह समान जगह पर नौकरी ही क्यों ना कर रहे हैं। पर सोचने वाली बात है कि यह फर्क क्यों यदि समान जगह पर नौकरी करेंगे तो सामान इनकम भी होगी। तो यह फर्क क्यों?
इसका सबसे साधारण उत्तर है इन्वेस्टमेंट (Investment)। पुरुष अक्सर इन्वेस्टमेंट को ज्यादा सीरियसली और ज्यादा रेगुलरली करते हैं जहां महिलाएं पीछे रह जाती हैं। परंतु अब बदलाव की बारी है। आइए जाने इन्वेस्टमेंट से जुड़ी हर बात इस फाइनेंस ब्लॉग के जरिए।
क्या होती है इन्वेस्टिंग ?
इन्वेस्टिंग का साधारण अक्षरों में मतलब है अपने पैसे को ऐसी जगह यूज़ करना जहां उसकी वैल्यू बढ़ सके। फिर चाहे वह गोल्ड में हो शेयर मार्केट में हो या कहीं प्रॉपर्टी खरीद कर हो। इन्वेस्टिंग से ना केवल आपकी इनकम के साधन बढ़ते हैं बल्कि एक ठिकाना भी मिल जाता है जहां आप पैसे बढ़ा सकें। हमारे जमाने में इन्वेस्टिंग के अनेक उपाय खुल चुके हैं। इन सब में से सबसे प्रचलित का शेयर मार्केट।
कैसे कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट स्टार्ट ?
- हमेशा कुछ पैसे लिक्विड एसेट्स में लगाएं और वो क्या हैं ? कैश इन हैंड, बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट्स जिन्हे हम इमरजेंसी के टाइम पे तुरंत इस्तेमाल कर सके।
- हमेशा फ्यूचर नीड्स के लिए कुछ लॉन्ग टर्म्स इन्वेस्टमेंट स्कीम बनाएं जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड, गवर्नमेंट बॉन्ड जहां आपके इन्वेस्टमेंट को सिक्योर्ड रिटर्न मिलता है और आप टैक्स बेनिफिट्स का भी ले पाएं ।
- हमेशा मेडिकल और लाइफ इंश्योरेंस को अपने इन्वेस्टमेंट का हिस्सा बनाएं । न केवल वे आपके टैक्स के ऑउटगोज़ को कम कर सकते हैं, बल्कि वे आपको जरूरत पड़ने पर इन्शुरन्स सर्विस भी दे सकते हैं ।
आखिर क्या है इन्वेस्टमेंट के फायदे ?
फ्यूचर सेक्योर्ड होगा (Secured Future)
जीवन में कई बार आपको कई अनएक्सपेक्टेड एक्सपेंसेस का सामना करना पड़ सकता है जिसके लिए आप तैयार नहीं भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आपके पास तब इन्वेस्टमेंट का सहारा हो तो मुश्किल समय अच्छे से गुज़र सकता है। इसलिए इंवेस्टमेंट्स सोच-समझ कर और सारी जानकारी इक्कठा करने के बाद जल्दी शुरू करें ताकि आपको फ्यूचर में भी हेल्प मिले।
रिस्क लेने की बढ़ती है एबिलिटी
कई बार इंवेस्टमेंट्स में काफी ज़्यादा रिस्क होने के कारण हम उनसे पीछे हट जाते हैं। लेकिन शोध की माने तो अगर हम यंग एज से ही इन्वेस्टमेंट स्टार्ट कर दें तो हमारे अंदर रिस्क लेने की एबिलिटी बढ़ती है जिससे कई बार हमें उम्मीद से ज़्यादा profit भी मिल सकता है।