Today's Mother: मदर्स डे के लिए परिवारों में तैयारियां शुरु हो गई हैं। हर कोई किसी-न-किसी नए अंदाज में मदर्स डे मनाने के लिए तैयार है। मदर्स डे या मम्मी का दिन है। मम्मा या मां किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी जिंदगी का बहुत अहम् हिस्सा होती हैं। बहुत से ऐसे भी लोग होते हैं जिनके लिए उनके बचपन में ही उनकी मां का साया उनके सिर से उठ जाता है।
एक मां की एक परिवार के लिए बहुत बड़ी भूमिका होती है। मां देखने में भावुक, शांत प्रिय और ममत्व से भरी होती हैं। मां डांटती हैं लेकिन प्यार से, समझाती हैं तो प्यार से। मां की आवाज में कठोरता की कल्पना भी असंभव है। जब मां गुस्सा होती हैं तो बहुत बार बच्चों से देखा नहीं जाता। अक्सर मां को उनके बच्चे बड़े होने पर ही समझ पाते हैं, और कई बार तो एक उम्र लग जाती है फिर भी मां को समझने में मुश्किल आती है।
आज मां के पास हैं बहुत जिम्मेदारियां
आज मां का प्रोफाइल और ज्यादा जिम्मेदारी भरा हो गया है। पहले मां घर तक सीमित भले थी लेकिन आज की मां को घर और बाहर दोनों देखना पड़ जाता है। आज की मां वर्किंग भी है और हॉउस भी संभाल रही हैं।
बदल रही है समाज की सोच
पहले समाज को लगता था कि महिलाएं बाहर और घर दोनों नहीं देख सकतीं। मां है तो वर्किंग कैसे हो सकती है? लेकिन आज मां ने साबित कर दिया है कि वो मां भी है और बॉस भी है। आज की मां आत्मनिर्भर है। आज बहुत से ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जहां मां सिंगल हैं और अपने बच्चे का अच्छे से पालन-पोषण कर रही हैं।
बदल गया है सिनेमा में मां का चित्रण
हिंदी सिनेमा या बॉलीवुड ने भी मां का चित्रण बदल दिया है। आज के सिनेमा में मां को वर्किंग, इंटीपेंडेंट, लीडिंग वुमन, सेल्फ कॉन्फीडेंट और बहुत तरह से चित्रित किया है। वहीं पहले के सिनेमा में अक्सर मां को समाज के प्रति संवेदनशील, घर के कामकाजों में व्यस्त और बच्चों के प्रति बहुत ज्यादा केयरिंग दिखाया जाता था।
कहा जा सकता है कि आज की मां पहले की मां से बदल चुकी है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आज की मां में ममता नहीं है। आज की मां में ममता भी है और कठोरता भी है। आज मां के बच्चे इंडीपेंडेंट हैं, वे मां को और आगे ले जा रहे हैं। आज बच्चों के लिए मां उनका सब कुछ हैं।