Types Of Friendship: हमारी जिंदगी में बहुत सारे दोस्त होते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि सब हमारे करीबी और अच्छे दोस्त हों। आज हम आपको दोस्ती के कुछ प्रकार बताएंगे जिससे आप अपनी दोस्ती में क्लेरिटी ला सकते हैं क्योंकि हर बात करने वाला हमारा पक्का दोस्त नहीं होता हैं। अपनी जिंदगी में हम बहुत सारी जगह पर जाते हैं और बहुत सारे लोगों से मिलते हैं लेकिन हर दोस्त की एक अपनी परिभाषा होती है। उसका हमारी जिंदगी में एक अलग रोल होता है तो आईए जानते हैं कि हमारे दोस्त कितने प्रकार के होते हैं-
Friendship: दोस्ती कितने प्रकार की होती है और इनका क्या रोल है?
Casual Friends
आजकल की टाइम में यह टर्म काफी पॉप्युलर है। यह हमारे ऐसे दोस्त होते हैं जिनके साथ हम हैंगओवर करते हैं, घूमते हैं और ट्रिप्स पर जाते हैं लेकिन इसे हम अपना दुख और सुख नहीं बताते हैं। यह मुसीबत के समय पर हमारा साथ देते हैं। यह सिर्फ इंजॉय करने वाले दोस्त होते हैं जो हमारे कॉलेज, यूनिवर्सिटी या फिर कई बार ऑफिस में भी बन जाते हैं। इन्हें हमारे प्राइवेट लाइफ के बारे में ज्यादा नहीं पता होता।
Close Friends
यह हमारे सबसे खास दोस्त होते हैं जिन्हें हमारे परिवार वाले भी जानते होते हैं। इन्हें हम अपना दुख-सुख सब कुछ बातें शेयर करते हैं। कई लोगों इन्हें जिगरी यार भी बोलते हैं जो हमारी बातें देर तक सुनते हैं। हमें कभी भी अकेला महसूस नहीं करवाते। हमारे परिवार वाले भी इन्हें जानते होते हैं। उनके साथ हम ट्रिप्स प्लान करते हैं।
Acquaintance
यह हमारे ऐसे दोस्त होते हैं जिन्हें हम रोज मिलते हैं जैसे ऑफिस या फिर जिन्हें आप गुजरते हुए देखते हैं। इनके साथ हम ग्रीटिंग भी करते हैं लेकिन इनके साथ ज्यादा पर्सनल लेवल पर बात नहीं होती है। यह सिर्फ वहां तक ही रहते हैं जहां हमें यह मिलते है। इसके बाद पर्सनल लाइफ में हमारे व्यक्तित्व पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इन्हें हम कभी-कभार मिलते हैं।
Lifelong Friends
यह हमारे ऐसे दोस्त होते हैं जो हमारे खास भी हो सकते हैं। बचपन से लेकर आखिरी सांस तक हमारे साथ रहते हैं।ऐसा जरूरी नहीं है कि यह हमारे बेस्ट फ्रेंड ही हो लेकिन हम इन्हें शुरू से ही जानते हैं। इनका हमारे घर पर भी आना जाना होता है। यह सिर्फ अच्छे दोस्त भी हो सकते हैं या बहुत खास भी वह आपकी दोस्ती पर निर्भर करता है।
Activity Friends
एक्टिविटी दोस्त जैसे आप जिम जा रहे हैं, वॉक पर जाते हैं या फिर कहीं क्लासेस में आपका कोई दोस्त बन गया वे सिर्फ वहां तक ही सीमत रहते हैं। उनका हमारे घर पर आना-जाना नहीं होता हैं। उन्हें हम वहीं छोड़ देते हैं जहां हम उन्हें मिलते हैं। उनके साथ हमारे पर्सनल बातें भी नहीं होती है
Social Media Friends
आजकल के डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर भी हमारे बहुत सारे दोस्त बनते हैं। कई बार तो यह भी होता है कि हम उन्हें शारीरिक तौर पर भी नहीं मिले होते हैं। इनके साथ सिर्फ मैसेज या टेक्स्ट पर ही बात होती है। इन दोस्तों का भी एक हमारी जिंदगी में एक अलग ही रोल होता है।