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Photograph: (Adobe Stock)
महिलाओं ने स्वास्थ्य के अधिकारों के लिए कई लड़ाइयाँ लड़ी हैं, जिसमें कुछ आज भी लड़ी जा रही हैं। मासिक धर्म से गर्भावस्था से रजोनिवृत्ति (Menopause) तक, महिलाएँ कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं से गुज़रती हैं। उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई क़ानून लागू हैं, पर दुर्भाग्यवश जागरूकता और लापरवाही के कारण उन्हें अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी तक नहीं है।
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प्राकृतिक गर्भसमापान और मेडिकल टर्मिनेशन
प्राकृतिक गर्भसमापान (miscarriage) और मेडिकल टर्मिनेशन (medical termination) में मुख्य अंतर यह है कि प्राकृतिक गर्भसमापान गर्भावस्था का अनियोजित और प्राकृतिक समापन है, जबकि मेडिकल टर्मिनेशन एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जो गर्भावस्था को जानबूझकर समाप्त करने के लिए की जाती है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
महिलाएँ गर्भसमापान और मेडिकल टर्मिनेशन के कारण गहरे कष्ट का अनुभव करती हैं। इससे उनके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक बदलाव आते हैं, जिनसे ठीक होने में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है, जैसे तनाव, रक्तस्राव और ऐंठन, उदासी, चिंता आदि।
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961
भारत में गर्भसमापान की स्थिति में महिलाओं को काम से अवकाश का अधिकार मिलता है। यह सुविधा Maternity Benefit Act, 1961 के तहत दी जाती है।
यह अधिनियम महिलाओं के रोज़गार को उस अवधि के दौरान विनियमित करता है, जो गर्भावस्था से पहले और बच्चे के जन्म के बाद होती है, तथा मातृत्व और अन्य संबंधित लाभ प्रदान करता है। यह अधिनियम खदानों, कारखानों, सर्कस, उद्योगों, बागानों, दुकानों और उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जहाँ दस या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हों।
हालाँकि, यह Employees State Insurance Act, 1948 के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों पर लागू नहीं होता। राज्य सरकारें चाहें तो इसे अन्य प्रतिष्ठानों पर भी लागू कर सकती हैं।
इस अधिनियम के तहत कवरेज के लिए किसी वेतन सीमा का प्रावधान नहीं है।
Miscarriage Leave
प्राकृतिक या चिकित्सकीय रूप से गर्भसमापन की स्थिति में, महिला को मातृत्व लाभ दर पर वेतन सहित छह सप्ताह के अवकाश का अधिकार होता है। यह अवकाश गर्भसमापान वाले दिन के तुरंत बाद से लागू माना जाता है।
हालाँकि, इसके लिए महिला को उचित चिकित्सीय प्रमाण प्रस्तुत करना ज़रूरी है।
Miscarriage Leave के लाभ
महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही आवश्यक कदम है। इससे वे सामान्य स्थिति में लौट सकती हैं। इससे उन्हें रिकवरी का समय मिलता है, और साथ ही अपना दुःख व्यक्त करने के लिए परिजनों और दोस्तों का सहारा भी। इससे सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
इसके साथ ही उन्हें पूर्ण वेतन भी मिलता है, और नौकरी जाने का कोई तनाव भी नहीं होता। महिलाएँ अपना ख़्याल रख सकती हैं, और आराम से काम पर नई ऊर्जा के साथ लौट सकती हैं।
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