हमारा देश वेस्टर्न देशों को काफी विकसित मानता है और खैर उनमें से काफी विकसित है भी। जिस तरह से हम अपनी जिंदगी में अच्छी बुरी चीजें एक दूसरे से सीखते हैं उसी तरह से एक देश दूसरे देश से ढेर सारी चीजें उधार लेता है। हमारे देश भारत में वेस्टर्न देशों से सिर्फ और सिर्फ आधुनिकता उधार नहीं ली है बल्कि इसके साथ-साथ उनका रहन-सहन उनका पहनावा उनका खानपान भी आज के दिन भारत में देखा जा सकता है।
वेस्टर्न क्लॉथस पर आपत्ति क्यों?
विडंबना वाली बात यह है कि जब हमने वेस्टर्न देशों से इतनी सारी चीजें खुशी खुशी सीखी है तू आखिर लड़कियों के वेस्टर्न कपड़े पहनने पर लोग आपत्ति क्यों करने लगते हैं उनका मानना है कि यह है भारतीय सभ्यता यानी अपने देश का कल्चर नहीं है। लेकिन सोचने वाली बात यह भी है कि आखिर मशीनीकरण भी तो भारत का कल्चर नहीं था। समय के साथ-साथ और भर्ती देशों को ही देखकर हमने इसे अपनाया है तू आखिर वेस्टर्न कपड़े पहनने पर इतना विवाद क्यों है? बड़ी बड़ी मंत्री से लेकर शिक्षित लोग भी वेस्टर्न कपड़ों को लेकर असमंजस में रहते हैं
अपराध के लिए कपड़ों को टारगेट करते नेता
जितनी तेजी से भारत में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे है उतनी तेजी से हमारे नेता उन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए अजीबों-गरीब बयान देकर विवाद खड़ा कर रहे है। चाहे रेप जैसा घनघोर अपराध हो लड़कियों के कपड़ों पर ही प्रश्न करने लगते हैं। गोवा में 53वे इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान आशा पारेख भी हिस्सा ले रही थी। उन्होंने एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी निराशा जाहिर की है।
वो अति महत्वपूर्ण मुद्दा है, भारतीय महिलाओं का पश्चिमीकरण। पारेख का कहना है कि सलवार कमीज़ और घाघरा चोली की जगह गाउन्स ने ले ली है. आशा पारेख के मुताबिक, उन्हें ये देखकर दुख होता है कि शादियों में लड़कियां ट्रेडिशनल ड्रैसेज को छोड़ वेस्टर्न ड्रेसेज और गाउन पहनती हैं। अब हम क्या उम्मीद रख सकते हैं जब एक महिला भी दूसरी महिला की पोशाक से आपत्ति जताने लगती है। घर पर शॉट्स या गाउन पहनने पर एक मां अपनी बेटी को मना करती है बाहर समाज तो पहले से उन पर तरह-तरह के कमैंट्स कसने पर उतारू है ही।
वेस्टर्न कपडे पहनने पर क्यों मिलते भद्दे कमैंट्स
रिचा चड्डा इन दिनों काफी इंटरनेट पर काफी वायरल रही है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र भी रहा। वास्तव में ऋचा ने यह पोस्ट वेस्टर्न कपड़े पहनने वाली लड़कियों पर किए जा रहे निगेटिव कमेंट से दुखी होकर किया था, लेकिन उन्होंने इसके साथ ही ऐसा सवाल कर दिया कि फैन्स उन्हें तरह-तरह की सलाह देने लगे। समय आ गया है अब हम लड़कियों एवं महिलाओं के छोटे कपड़ों पर आपत्ति जताने की जगह समाज की छोटी सोच को बदले।