What Financial Freedom Meant For Women?: महिलाओं के लिए फाइनेंशियल फ्रीडम या आर्थिक स्वतंत्रता बहुत जरूरी है। इसके साथ महिलाएं अपना सिर समाज में ऊंचा कर सकती हैं। उन्हें अपने फैसले लेने के लिए किसी के आगे झुकना नहीं पड़ेगा या आज्ञा नहीं लेनी पड़ेगी। आज के समय में आर्थिक आजादी जरूरी है क्योंकि पहले के समय के मुकाबले आज की महिला की ज़रूरतें और ख्वाहिशें दोनों ही बढ़ गई है। इसके साथ ही महिला अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है। वह किसी के ऊपर सहारा नहीं बनना चाहती या खुद को बेचारा दिखाना नहीं चाहती। आज हम जानेंगे कि फाइनेंशियल फ्रीडम की महिलाओं के जीवन में क्या महत्वता है?
Financial Freedom: महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता का क्या मतलब है?
Decision Making Power
आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने पर महिलाएं अपने फैसले खुद ले सकती हैं। उन्हें किसी भी व्यक्ति चाहे पति, भाई, मां-बाप या रिश्तेदार किसी से भी इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। पैसे को कैसे खर्च करना है यह उनकी चॉइस है। कहां और कितने पैसे खर्च हो रहे हैं, इसके बारे में उन्हें जानकारी देने की जरूरत नहीं है। महिला को किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं है।
Gender Equality
अगर महिलाएं कमाने लग जाएगी तो समाज में समानता आने लग जाएगी। औरतों मर्दों के बीच भेदभाव कम हो जाएगा। महिलाएं खुद के लिए खड़ी हो सकती है। वह मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी। पैसे आने से महिलाएं सशक्त भी होंगी। उनके अंदर आत्मविश्वास की भावना भी पैदा होगी।। सत्ता में भी उनका नाम आने लगेगा। वह अपने सपनों को एक उड़ान दे सकती है, जिसके लिए आर्थिक कमज़ोरी भी बाधा बन जाती है।
Can take care of one's own needs
आर्थिक आजादी होने से महिलाएं अपनी जरूरत का ध्यान रख सकती है। महिलाओं की बहुत सारी ख्वाहिशें होती है जो सिर्फ वह इसलिए पूरा नहीं कर पाती क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते हैं। हर चीज के लिए पैसे उन्हें अपने भाई, मां-बाप या फिर शादी के बाद पति से मांगने पढ़ते हैं। कई बार उनका घूमने या फिर कोई महंगी चीज खरीदने का मन करता है लेकिन परिवार वाले इसके लिए मानते नहीं हैं या इसके लिए उनका खर्च नहीं उठाते हैं जब वह खुद कमाने लग जाएगी उसके पास आर्थिक स्वतंत्रता होगी। उसे अपनी जरूरत के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है।
Self Reliant
आर्थिक स्वतंत्रता से महिलाएं सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त नहीं होती है। इससे उनके अंदर कॉन्फिडेंस आता है। दूसरों के ऊपर उनकी निर्भरता बहुत कम हो जाती है। वह अपने फैसले लेने लग जाती है। अपने खर्चे के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती है। उन्हें कहीं आने जाने में किसी के सहारे की जरूरत नहीं है। अपनी जरूरतों का ख्याल भी उन्होंने रखना आता है। लोगों से मेलजोल बढ़ जाता है। उनका एक अपना रुतबा होता है। जब वह लोगों के बीच जाती हैं, लोग उनकी पहचान से उन्हें जानते हैं।
Discrimination
आर्थिक आजादी आने से महिलाओं के साथ भेदभाव कम होने लगता है क्योंकि वह अपने हकों के प्रति जागरूक हो जाती है। उनमें लोगों का सामने करने की हिम्मत आ जाती है। उनमें ऐसा आत्मविश्वास भर जाता है कि अगर कोई उन्हें कुछ कहता है, वह उसका सामना तो करती ही है और बदले में उसका जवाब भी देती हैं। जिस कारण लोग नारी होने पर उनका मजाक नहीं बल्कि सम्मान करते हैं।