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डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है
डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से ही जुड़ा है। इस वेरिएंट की सबसे पहले भारत में पहचान हुई थी और यही वेरिएंट भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना था। भारत में कोरोना की वैक्सीन आने के बाद भी लोगों के मन में इस वेरिएंट को लेकर डर जारी है। क्योंकि यह मानना है कि नया 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट कोरोना वैक्सीन पर भी भारी पड़ सकता है।
दुर्भाग्य से डेल्टा वेरिएंट भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना था। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस वेरिएंट को तेज़ी से फैलने वाला और बीमारी को गंभीर बनाने वाला बताया था। लेकिन अब इस वेरिएंट का नया रूप यानी डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया है। विशेषज्ञ इस वेरिएंट पर कोई टिप्पणी करने से पहले पर्याप्त डेटा आने का इंतज़ार करने के लिए कह रहे हैं।
इस बात के भी कयास लगाए जा रहे है कि भारत में जल्दी ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आएगी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या डेल्टा प्लस संक्रमितों की संख्या भी बढ़ेगी ? इस सवाल के जवाब में कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. राहुल पंडित ने कहा, “ख़तरे की घंटी तो है ही, इस वेरिएंट के संक्रमण और मरीज़ों में संक्रमण की तीव्रता पर अध्ययन करने की ज़रूरत है। “
डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है ?
डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से ही जुड़ा है। इस वेरिएंट की सबसे पहले भारत में पहचान हुई थी और यही वेरिएंट भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना था। भारत में कोरोना की वैक्सीन आने के बाद भी लोगों के मन में इस वेरिएंट को लेकर डर जारी है। क्योंकि यह मानना है कि नया 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट कोरोना वैक्सीन पर भी भारी पड़ सकता है।
क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर ला सकता है ?
दुर्भाग्य से डेल्टा वेरिएंट भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना था। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस वेरिएंट को तेज़ी से फैलने वाला और बीमारी को गंभीर बनाने वाला बताया था। लेकिन अब इस वेरिएंट का नया रूप यानी डेल्टा प्लस वेरिएंट सामने आया है। विशेषज्ञ इस वेरिएंट पर कोई टिप्पणी करने से पहले पर्याप्त डेटा आने का इंतज़ार करने के लिए कह रहे हैं।
इस बात के भी कयास लगाए जा रहे है कि भारत में जल्दी ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आएगी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि क्या डेल्टा प्लस संक्रमितों की संख्या भी बढ़ेगी ? इस सवाल के जवाब में कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. राहुल पंडित ने कहा, “ख़तरे की घंटी तो है ही, इस वेरिएंट के संक्रमण और मरीज़ों में संक्रमण की तीव्रता पर अध्ययन करने की ज़रूरत है। “