Who Is Madhabi Puri Buch: हिंडनबर्ग रिसर्च एक बार फिर चर्चा में है। इस बार रिपोर्ट अडानी ग्रुप पर नहीं ब्लकि SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच पर जारी की गई हैं जिसमें उन पर आरोप लगाए गए हैं। इस अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी का दावा है कि SEBI चेयरपर्सन की उन ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी थी जिनका इस्तेमाल अडानी समूह के कथित साइफनिंग स्कैंडल में हुआ है। इस रिपोर्ट ने SEBI चेयरपर्सन और अडानी ग्रुप के बीच में संबंध होने का दावा किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस रिपोर्ट को जारी करने से पहले यह भी कहा था कि भारत में कुछ बड़ा होने वाला है। इससे पहले 24 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी।
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— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandalhttps://t.co/3ULOLxxhkU
कौन हैं Madhabi Puri Buch जिन पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने इल्ज़ाम लगाएं हैं?
- माधबी पुरी बुच SEBI( सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया) की चेयरपर्सन हैं। इसके साथ ही वह SEBI की पहली महिला चेयरपर्सन हैं।
- आपको बता दें माधबी इस पद को सम्भालने वाली पहली महिला हैं जो प्राइवेट सेक्टर से हैं।
- माधबी ने अपने करियर की शुरुआत ICICI बैंक से 1989 में की यहां पर उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रो में अनुभव हासिल किया। यहां पर उन्होंने 17 साल तक काम किया।
- 2011 से 2017 तक उन्होंने अलग-अलग पदों पर काम किया जैसे जेनसार टेक्नोलॉजीज, इनोवेन कैपिटल और मैक्स हेल्थकेयर जैसी कई कंपनियों में कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया।
- 2011 में माधबी ने सिंगापुर जाने का फैसला लिया और ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल एलएलपी को जॉइन किया।
- 2017 में माधबी ने SEBI में अपना करियर शुरू किया जब उन्हें whole-time member के पद पर नियुक्त किया गया।
- 1 मार्च 2022 में, अजय त्यागी की रिटायरमेंट के बाद 3 साल के लिए उन्हें SEBI चेयरपर्सन के रूप में नियुक्त किया गया।
- माधवी प्राइवेट सेक्टर से हैं। इस कारण उन्होंने SEBI में बहुत सारे बदलाव भी किए हैं जैसे उन्होंने प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।
- माधबी और उनके पति धवल बुच पर हिंडनबर्ग रिसर्च में जो आरोप लगाए गए हैं, उनके जवाब में माधबी ने कहा है कि 2015 में हमने इस फंड को लिया था तब हमारा सेबी से कोई भी नाता नहीं था।
- उन्होंने 11 अगस्त को इन आरोपों का खंडन कर दिया इसके साथ ही उनका यह भी कहना था कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है और हमारा वित्तीय जीवन एक खुली किताब की तरह है। उन्होंने बताया कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने जो भी आरोप लगाए हैं उनमें बदले की भावना है।