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बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन क्यों अनिवार्य है ? जानें यह 3 कारण

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Swati Bundela
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बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन - देशभर में जहां लोग कोरोना की गंभीर स्थिति से जूझ रहें हैं। वही अब आशंकाएं जताई जा रही है की कोरोना की तीसरी लहर अब बच्चों पर असर कर सकती हैं। वहीं 5 मई को हेल्थ कनाडा में 12 से 15 साल तक के बच्चों को भी कोविड-19 वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि 12 से कम उम्र तक के बच्चों को वैक्सीन लगाने की अनुमति नहीं दी गई हैं।

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लेकिन कई लोगों के मन में गलत धारणाएं हैं कि बच्चों को वैक्सीन लगाने से उन्हें कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ सकता हैं। हालांकि लोगों की धारणाओं को गलत साबित करने के लिए फिलोसॉफिकल रिसर्चर्स ने बच्चों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य क्यों है, इस पक्ष में तीन तर्क सामने रखें हैं।

1. कोरोनावायरस से बच्चों को कितना नुकसान हो सकता हैं

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बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिसके कारण कोरोनावायरस से जल्दी संक्रमित हो सकते है। कोविड-19 के कारण बच्चों को लंबे समय तक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को झेलना पड़ सकता हैं जैसे कि ऑर्गन डैमेज, MIS-C का खतरा और मृत्यु भी हो सकती है। वही इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है की कोरोना बच्चों को और क्या क्षति पहुंचा सकता हैं। लेकिन अगर बच्चों का टीकाकरण करवाया जाएं तो गंभीर समस्या या मृत्यु से बच सकते हैं।

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2. बच्चों के द्वारा दूसरों को भी नुकसान झेलना पड़ सकता हैं



जाहिर है कि कोविड-19 से सभी को खतरा हैं। लेकिन जिन बच्चों ने वैक्सीन नहीं लगवाया है उनके कारण कई लोगों में कोविड-19 फैल सकता है। इसके अलावा आगे जाकर कोविड-19 का नया रूप भी आ सकता जो बच्चों के लिए काफी हानिकारक भी साबित हो सकता है। इसीलिए बच्चों के लिए वैक्सीन अनिवार्य है क्योंकि इसके जरिए कोविड-19 के खतरे से और उसे फैलाने से रोका जा सकता हैं।
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3. बच्चों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य



लॉकडाउन में रहने के कारण बच्चों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर भी प्रभाव पड़ रहा हैं। अगर कोई बच्चा कोरोनावायरस संक्रमित हो जाता हैं तो उसके लिए एक रूम में बंद रहना या ऐसे हालात में हॉस्पिटल में रहना मुश्किल हो सकता हैं। अगर वह कोरोनावायरस से ठीक भी हो जातें हैं, तभी उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इस बात का गहरा प्रभाव पड़ेगा।
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