New Update
1. बच्चों को मिलती है सही नुट्रिशन
ब्रैस्ट मिल्क में वो सब कुछ है जो एक बच्चे को उसके ज़िन्दगी के पहले 6 महीने में चाहिए। अपने डिलीवरी के शुरुवाती दिनों आपके ब्रैस्ट से येलो कलर का फ्लूइड प्रोडूस होता है जिसे कोलोस्ट्रम कहते है जिसमें प्रोटीन कंटेंट बहुत हाई होता है और शुगर की क्वांटिटी बहुत कम होती है। ये आपके बच्चे के डायजेस्टिव ट्रैक्ट को बिल्ड करने में मदद करता है। ये आपके बच्चे के लिए चमत्कारिक है और इसकी तुलना किसी पाउडर फार्मूला से नहीं की जा सकती है।
2. इसमें बहुत सारे एंटीबॉडीज होते हैं
ब्रैस्ट मिल्क में बहुत सारे एंटीबाडीज होते हैं जो आपके बच्चे के शुरुवाती दिनों के लिए बहुत ज़रूरी है। ये एंटीबाडीज उन्हें किसी भी बाहरी इन्फेक्शन के खतरे से बचाते हैं। इसके वजह से आपके बेबी की इम्युनिटी शुरू से ही ज़्यादा रहती है। शोध बताते हैं की जिन बच्चों को ब्रेस्टफीड कराया जाता है उनकी इम्युनिटी बाकी बच्चों के मुकाबले ज़्यादा होती है।
3. इससे घटता है इन्फेक्शन का खतरा
अगर आप अपने बच्चे को एक्सक्लुसिवली ब्रेस्टमिल्क का सेवन करवा रही हैं तो आप उसे मिडिल ईयर इन्फेक्शन, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम, आंत के इन्फेक्शन्स और एलर्जिक और बोवेल डिसीसेस जैसी बिमारियों से बचा रही हैं
4. बेबी के हेल्दी वेट में होती है वृद्धि
शोध बताते हैं की अगर बच्चे को शुरुवात के 4 महीने अच्छे से ब्रेस्टफीड कराया जाए तो उसको ओब्सीटी का खतरा नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके शरीर में अच्छे बैक्टीरिया की फार्मेशन होने लगती है। ब्रैस्ट मिल्क का सेवन करने वाले बच्चों में लेप्टिन की मात्रा भी अधिक हो जाती है। लेप्टिन एक प्रकार का हॉर्मोन है जो बच्चों की भूख नियंत्रित रखता है और उनके फैट स्टोरेज को भी रेगुलेट करता है।
5. ब्रैस्ट मिल्क से बच्चों का दिमाग तेज़ होता है
शोध बताते हैं की जिन बच्चों की ब्रेस्टफीडिंग होती है उनकी ब्रेन डेवलपमेंट बाकियों की तुलना में बेहतर होती है। ऐसे बच्चों का दिमाग भी बहुत तेज़ होता है और उनको बेहवियरल प्रोब्लेम्स भी बहुत कम होते हैं। इन बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल भी ज़्यादा होता है और ये बेहतर तरीके से लोगों से आई कांटेक्ट कर पाते हैं।