Why Is Goddess Durga's Statue Crafted From Brothel Soil : दुर्गा पूजा और मां दुर्गा दोनों का ही सबसे पवित्र और शक्तिशाली महत्व है पर कई स्थानों पर इस पवित्र त्यौहार के लिए उस जगह की मिट्टी का प्रयोग किया जाता है जिस जगह को समाज में अच्छा स्थान नहीं माना जाता है एवं अपवित्र तक कहा जाता है, आईए जानते हैं इस आर्टिकल में
कुछ स्थानों पर मां दुर्गा की मूर्ति को वेश्यालय की मिट्टी से क्यों बनाया जाता है?
दुर्गा पूजा में मां दुर्गा की मूर्ति को बनाने के लिए गोमूत्र, गाय का गोबर, गंगा तट की मिट्टी और वेश्यालय की मिट्टी का प्रयोग किया जाता है पर इन सभी चारों चीजों में से प्रश्न केवल एक स्थान पर आता है वह है वेश्यालय,
तो इस विषय को हम पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के हिसाब से जानेंगे, पौराणिक कथाओं के अनुसार एक वैश्या मां दुर्गा की बहुत बड़ी भक्त थी वह हमेशा अपने निश्छल प्रेम से उनकी पूजा किया करती थी, और वहीं दूसरी ओर बहुत से लोग केवल नाम मात्र के लिए मां दुर्गा की पूजा करते थे माता उनसे प्रश्न हुई और उन्होंने यह कहा कि इस वेश्या की मिट्टी से उनकी मूर्ति वहां पर बनाई जाए और उन्हें वरदान भी दिया कि आगे भी वेश्यालय की मिट्टी से ही उनकी मूर्ति बनाई जाएगी तभी पूजा संपन्न होगी यह कथा बहुत समय से चलती हुई आ रही है इसलिए मूर्ति बनाते समय वहां की मिट्टी का प्रयोग करना बहुत जरूरी माना जाता है
यदि अब हम मान्यता की बात करें तो
पहले मान्यता के अनुसार मिट्टी का हमेशा सबके जीवन पर बहुत महत्व रहा है एवं प्रकृति और संस्कृति दोनों में ही इसका एक पवित्र हिस्सा रहा है इसीलिए मूर्तियों में मिट्टी का प्रयोग होना बहुत जरूरी है, जिस मूर्ति सुंदर और पवित्र दोनों हो
दूसरी मान्यता के अनुसार समाज में यह माना जाता है की जब भी कोई व्यक्ति वेश्यालय के अंदर जाता है तो वह अपनी पवित्रता को बाहर चौखट पर ही छोड़ देता है उस व्यक्ति की पवित्रता वेश्यालय की मिट्टी तक ही सीमित हो जाती है और वह मिट्टी पवित्र हो जाती है इसलिए वहां की मिट्टी से मां दुर्गा की मूर्ति बनाई जाती है जिससे वह मूर्ति और भी पवित्र हो जाती है
Disclaimer : इस आर्टिकल का उद्देश्य किसी भी विशेष जाति और संप्रदाय को ठेस पहुंचाना नहीं है, इनका उद्देश्य केवल कुछ परंपराओं के विषय में जानकारी देना है