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Workplace Harassment को नॉर्मल क्यों माना जाता है?

हरासमेंट जिसे हिंदी में प्रताड़ना कहा जाता है महिलाओं के साथ हर गली, नुक्कड़, बाजार, कॉलेज, घर, ऑफिस, रेलवे स्टेशन, मॉल और बाजार सब जगह होती है लेकिन इसके बारे में बात बहुत कम होती है।

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Rajveer Kaur
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Workplace Harassment

(Image Credit: Hindustan Times)

Why Workplace Harassment Is Normal: हरासमेंट जिसे हिंदी में प्रताड़ना कहा जाता है महिलाओं के साथ हर गली, नुक्कड़, बाजार, कॉलेज, घर, ऑफिस, रेलवे स्टेशन, मॉल और बाजार सब जगह होती है लेकिन इसके बारे में बात बहुत कम होती है। हरासमेंट जिसे हिंदी में प्रताड़ना कहा जाता है महिलाओं के साथ हर गली, नुक्कड़, बाजार, कॉलेज, घर, ऑफिस, रेलवे स्टेशन, मॉल और बाजार सब जगह होती है लेकिन इसके बारे में बात बहुत कम होती है।आज तक आपको कभी भी ऐसी लड़की नहीं मिलेगी जो यह कहेगी कि उसके साथ प्रताड़ना नहीं हुई है क्योंकि हमारे समाज में पुरुष का औरत के शरीर पर अधिकार है। वह उसे कहीं भी स्पर्श कर सकता है। लड़की इसके बारे में बात भी नहीं कर सकती। अगर कोई लड़की किसी पुरुष के टच करने पर आवाज उठाती है, तब वह दूसरे लोगों की अटेंशन ले रही है। लड़कियां का ऐसे ही होता है, उन्हें जरा सा हाथ भी लगा लो तो बात बढ़ा देती है। आज के इस आर्टिकल में हम वर्कप्लेस हैरेसमेंट की बात करेंगे जिसे बहुत ज्यादा नॉर्मल माना जाता है-

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Workplace Harassment को नॉर्मल क्यों माना जाता है?

मिडिल क्लास घर के कंजरवेटिव माहौल में बड़ी हुई लड़कियां जब ऑफिस जाती है तब वह उनके लिए किसी सपने से कम नहीं होता है क्योंकि उन्होंने हर कदम पर बहुत मुसीबतें सहन की होती है। उनके लिए वह एक बहुत बड़ी अचीवमेंट होती है क्योंकि वह अपने परिवार को पालने के लिए अब सक्षम हो जाएगी। उनकी बहुत सारी मजबूरियां भी होती है, पिता का सहारा, मां की ख्वाहिशें और छोटे बहन भाइयों की फीस उनके कंधों पर ही होती है। ऐसे में जब उनके साथ वर्कप्लेस पर कोई हरासमेंट होती है तब उनके पास ना इतनी हिम्मत होती है और ना ही इतना समय होता है कि वह वर्कप्लेस पर हो रही है हरासमेंट को के लिए आवाज़ उठाएं।

सर्वे

राष्ट्रीय मानव संसाधन विकास (एनएचआरडी) के सहयोग से स्ट्रेटफिक्स कंसल्टिंग द्वारा आयोजित सर्वे के अनुसार, 11% ने कहा कि वे यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट करने के बजाय ऑर्गेनाइजेशन छोड़ देंगे। यह भी पाया गया कि 37% रेस्पोंडेंट मुख्य रूप से महिलाओं, ने काम पर किसी न किसी तरह से यौन उत्पीड़न का अनुभव किया है, 50% ने अनचाहे स्पर्श को यौन उत्पीड़न के प्रकार के रूप में वोट दिया, जबकि लगभग 45% को यौन जोक्स और कमेंट्स का सामना करना पड़ा। फिजिकल और वर्चुअल दोनों कार्यस्थलों में, 2% ने अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न या बलात्कार से पीड़ित होने की बात स्वीकार की, 17% उत्तरदाताओं को या तो डर था या उन्हें यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट करने के अपने विकल्प के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और 63% लोगों ने जवाब दिया कि उनके कार्यस्थल पर किसी प्रकार का यौन उत्पीड़न अनुभव नहीं हुआ था।

यह सिर्फ मिडिल क्लास घरों की लड़कियों के साथ नहीं हर महिला के साथ ऐसा होता है और उन्हें ऐसी हरकतें सहन करनी पड़ती हैं क्योंकि इस क्योंकि कोई भी क्राइटेरिया नहीं है। जब आप किसी मेल के साथ कंफर्टेबल होते हैं आपको उनके टच के साथ कोई भी परेशानी नहीं है। वहीं कोई दूसरा व्यक्ति आपको टच कर जाए तो जैसे थाई, लिप्स, बट, फेस और ब्रेस्ट और आपके साथ सेक्सुअल होने की कोशिश कर रहा है तो उसे सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जा सकता है। हरासमेंट सिर्फ सेक्सुअल नहीं है हर लेवल पर आपके साथ हो सकता है।

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