हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां यह माना जाता है कि पुरुष जानते हैं कि कहां और कैसे खर्च करना है, पैसा बचाना है या निवेश करना है जबकि महिलाओं को फाइनेंस प्रबंधन के बारे में कुछ भी नहीं पता है। जबकि हम महिलाओं को घर के फाइनेंसियल निर्णयों में हस्तक्षेप करने के लिए शर्मिंदा करते हैं, हम कभी भी सवाल या आलोचना नहीं करते हैं कि पैसे के फैसले लेने में पुरुष खुद को किसी प्रकार के वित्तीय अधिकार के रूप में कैसे नियुक्त करते हैं।
हमने इस बायस को इंटरनलाइस कर लिया है कि भाई, पति या पिता कमाने वाले हैं और उनके पास वित्त का प्रबंधन करने का अधिकार और कर्तव्य है, जबकि बहनें, पत्नियां या माताएं कामकाजी महिलाएं हो सकती हैं, अपना टैक्स दाखिल कर सकती हैं, लेकिन महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय नहीं ले सकती हैं। एक महिला जो अपने भाई, पति या पिता को निर्देश देती है कि कैसे, कहाँ और कब बचत करना, खर्च करना या निवेश करना है, एक बॉस महिला है। ज्यादातर मामलों में, यह उम्मीद की जाती है कि एक पुरुष पैसे की देखभाल तब भी करेगा जब उसके परिवार की महिला सदस्य द्वारा अर्जित किया जाए।
महिला और फाइनेंस: सामाजिक भूमिकाएँ
जब एक औरत या पत्नी अपने फाइनेंशियल फैसले खुद लेती है, उसके जान पहचान वाले उसे ‘डोमिनेटिंग’ का टैग दे देते हैं। कुछ लोग यहां तक कहते हैं की उस औरत को कुछ ज़्यादा ही ‘स्वतंत्रता दी गयी है’। कुछ माता पिता शादी के लिए रिश्ता ढूँढ़ते समय कम पढ़ी लिखी, कम कमाने वाली लड़की चाहते हैं, ताकि वह ज़्यादा डोमिनेटिंग न हो।
वित्तीय जागरूकता को लिंग परिभाषित नहीं किया जा सकता
स्टोन एज में, पुरुष शिकारी थे जबकि महिलाएं पोषणकर्ता थी, यह एक ऐसा झूट है जो रिसर्च ने गलत साबित कर दिया है। अधिकांश समाजों और संस्कृतियों में, पुरुषों को अभी भी भोजन अर्जित करने की भूमिका सौंपी जाती है, जबकि महिलाएं प्रबंधक, संघर्ष समाधानकर्ता और केयरटेकर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आइए हम पारंपरिक लिंग भूमिकाओं को ध्यान में रखें; पुरुष या तो कर्मचारी के रूप में काम करके या खुद का व्यवसाय चलाकर पैसा कमाते हैं। महिलाएं घर का प्रबंधन करती हैं, किराने का सामान खरीदती हैं, आय और खर्च पर नज़र रखती हैं, कार या घर खरीदने जैसे बड़े खर्च के फैसले लेने में प्रभावशाली हैं। सार यह है कि पुरुष पैसा कमाते हैं जबकि महिलाएं (निहित रूप से) इसका प्रबंधन करती हैं, और फिर भी, विडंबना यह है कि जब वित्त प्रबंधन की बात आती है तो महिलाएं या तो अज्ञानी होती हैं या डोमिनेंट होती हैं!
एक व्यवसाय में जो विभाग इनकम उत्पन्न करता है अर्थात बिक्री और मार्केटिंग बचत या निवेश संबंधी निर्णय नहीं लेता है। फाइनेंस संबंधी निर्णय एकाउंट्स और फाइनेंस विभाग द्वारा किया जाता है। एक व्यक्ति जो कमाने वाला है, जरूरी नहीं कि वह वित्त की पेचीदगियों को जानता हो!