Advertisment

महिलाओं के Sex Experiences पर बात करना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है : पारोमिता वोहरा

author-image
Swati Bundela
New Update
पारोमिता
Advertisment
वोहरा ने , ये 'Agents of Ishq' की संस्थापक है। पारोमिता पारोमिता वोहरा एक फिल्मकार है जो अपनी कला से जेंडर , sexuality और पॉपुलर कल्चर को रिप्रेज़ेंट करती है।

Advertisment
औरतों को सिर्फ एक ऑब्जेक्ट के रूप में दिखाया जाता है ,उनके sexual pleasure के बारे में कोई नहीं सोचता, इसकी क्या वजह है?

औरतों को सिर्फ एक ऑब्जेक्ट के रूप में दिखाया जाता है ,उनके sexual pleasure के बारे में कोई नहीं सोचता पारोमिता ने इसकी कई वजह  गिनाते हुए कहा कि "मुझे नहीं लगता कि औरतों की ऐसी छवि सिर्फ़ फिल्मो के कारण है. इसके लिए टेलीविजन ,टिक टॉक , अलग -अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म आदि ज़िम्मेदार है। क्योंकि जब हम पॉपुलर कल्चर की बात करते है तो हमे इन सबको शामिल करना चाहिए।लेकिन दुर्भाग्यवश हम सिर्फ़ फिल्मों आइटम सॉन्ग्स को ज़िम्मेदार ठहराते है।“
Advertisment

"अगर आपके दोस्त आपको सेक्स से रिलेटेड बात करने पर आपको शर्मिंदा करते है तो आप नए दोस्त ढूंढिए।"-पारोमिता वोहरा 


Advertisment
Right To Pleasure सिर्फ़ अमीर लोगों की पहचान है,क्या ये बात सही है ?

हमारे समाज में रहने वालो को लगता है कि right to pleasure सिर्फ़ अमीर लोगों की पहचान है,क्या ये बात सही है ? इस विषय पर पारोमिता में टिप्पणी करते हुए कहां कि "अगर आपने टिक टॉक देखा होगा ,तो उसमे हमे हर किस्म के लोग दिखाई देते थे जो सेक्स ,डिजायर , sexuality को अपनी वीडियोज़ के ज़रिये व्यक्त करते है।इसलिए मुझे लगता है ये बोलना कि एक तबके के लोग sexually फ्री है और एक तबके के नहीं, ये बात बिल्कुल ग़लत है।"
Advertisment

"Agents of Ishq पे हमने मास्टरबेशन शायरी प्रतियोगिता रखी थी ,हमे काफी एंट्रीज मिली जो हिंदी ,बांग्ला ,तमिल में थी। तो ऐसा नहीं है सिर्फ़ अंग्रेजी बोलने वाले लोग sexuality , pleasure को समझ पाते है। इसको हर भाषा के लोग समझते है। फर्क बस ये है कि कुछ लोगों के पास ज्यादा जगह है अपनी बात रखने के लिए और कुछ के पास नहीं।" - पारोमिता वोहरा


Advertisment

‘महिलाओं के सेक्स एक्सपीरियंस पर बात करना सबसे ज्यादा ज़रूरी है


ऐसा नहीं है कि इंटरनेट के आने से पहले लोग सेक्स नहीं करते थे , बल्कि बात ये है कि लोग सेक्स पर ज्यादा बात नहीं करते थे ,हालांकि स्थिति में अब बदलाव आ रहा है,और हम धीरे - धीरे काफी जागरुक हो रहे है। लेकिन एक बड़ी समस्या आज भी है और वो है औरतों का अपने सेक्स एक्सपीरियंस पर बात न करना। इंटरनेट के आने के बाद हम queer sexuality पर बात कर रहे है ,फीमेल प्लेजर पर बात कर रहे है लेकिन महिलाओ के सेक्स एक्सपीरियंस पर बहुत कम बात कर रहे है ,जो की सबसे ज्यादा ज़रूरी मुद्दा है।
Advertisment

पढ़िए :सेफ सेक्स के लिए क्यों है कंडोम कैरी करना ज़रूरी ?

सेहत #फेमिनिज्म महिलाओं के Sex Experiences
Advertisment