Advertisment

4 महिलाएं जिन्होंने भारत में Women's Education को बढ़ावा दिया

author-image
Swati Bundela
New Update

Advertisment

सावित्री बाई फुले (Savitribai Phule)


सावित्री बाई फुले इंडिया के सबसे पहले गर्ल्स स्कूल की पहली महिला टीचर रहीं । उनके पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर सावित्री जी ने अपना सारा जीवन lower caste और महिलाओं को सशक्त करते करते बिताया । उनकी शादी 13 साल की उम्र में हो गयी थी और उन्होंने अपने पति से शिक्षा ली । उन्होंने ने फातिमा शेख के साथ मिलकर 1948 में पहला गर्ल्स स्कूल खोला । 1951 तक पुणे में उन्होंने ऐसे ही 3 और स्कूल खुलवा दिए थे और 1853 में सावित्रीबाई और ज्योतिराव ने अपनी एक एजुकेशन सोसाइटी बना ली और इस सोसाइटी की मदद से लड़कियों और महिलाओं के लिए कई और स्कूल भी खोले गए और वहां पर upper और lower class का कोई भी भेदभाव नहीं था ।
सावित्री जी ने 1952 "महिला सेवा मंडल" की स्थापना की तांकि वो महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बता पाएं और उनका मानना था की महिलाओं को शिक्षा के साथ साथ social issues के बारे में पता होना भी आवश्यक है ।
Advertisment


ऐसा करते हुए सावित्री जी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा पर उन्होंने अपना काम करना जारी रखा । उन पर कई बार पत्थर फेंके गए और उन पर कई comments भी पास किये गए । उन्हें उनके पति के साथ ostracise किया गया और उन्हें दुसरो की मदद करने से भी रोका गया । सावित्री फुले को Indian Feminism की "mother " माना जाता है और हम सभी इस बात को कभी भी नहीं भुला सकते की उन्होंने ही castes और gender fights लड़कर, महिलाओं को शिक्षा का हक दिलवाया ।
Advertisment

फातिमा शेख (Fathima Sheikh)


फातिमा शेख और सावित्री फुले दोनों ने मिलकर महिलाओं की शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं और हम सभी इनके योगदान को कभी भुला नहीं सकते क्योंकि इनकी वजह से ही आज महिलाएं पढ़ी -लिखी और आत्मनिर्भर हैं । फातिमा शेख को भारत की पहली मुस्लिम टीचर कहा जाता है । फातिमा और उनके भाई उस्मान शेख, दोनों ने सावित्रीबाई और ज्योतिराव को उस समय के दौरान शरण (refuge ) दी जब उन्हें ज़बरदस्ती Pune छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था क्योंकि उन्होंने दलित और महिलाओं को शिक्षा देने का मुद्दा सामने रखा । 1948 में फातिमा ने सावित्रीबाई के पहले गर्ल्स स्कूल "Indigenous Library" को set - up करने में भी काफी सहायता की और ये सब काम उस वक्त के हालत अनुसार फातिमा जी के घर से ही किया गया । उस समय ऐसा करना upper -caste हिन्दू और मुस्लिम्स को चुनौती देने के बराबर था ।
Advertisment

वो सावित्री जी के साथ टीचिंग कोर्स में दलित, शूद्र, आदिवासी और महिला छात्राओं को पढ़ाने लगीं । उनकी एकजुटता (solidarity ) काफी तारीफ के काबिल है क्योंकि उन्होंने सावित्रीबाई फुले और उनके पति ज्योतिराव का साथ तब दिया जिस वक्त उनके अपनों और सोसाइटी तक ने उन्हें निकल फेंका था । लेकिन फातिमा शेख जी की लाइफ और काम पर काफी कम साहित्य हमें देखने को मिलती है ।

रमाबाई रानाडे (Ramabai Ranade)

Advertisment

रमाबाई रानाडे वो पहली महिला सोशल वर्कर और एजुकेटर थी जो 1863 के दौरान पैदा हुई थी । उनके पति MG रानाडे भी एक सोशल और एजुकेशनल रिफॉर्मर थे और वो "प्राथना समाज " के फाउंडर भी थे । उन्होंने अपनी पत्नी को शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया और उन्हें मराठी इंग्लिश और सोशल साइंस का ज्ञान दिया ।

रानाडे ने एक हिन्दू लेडीज सोशल क्लब की शुरुआत की जो महिलाओं को पब्लिक स्पीकिंग और knitting जैसा हैंडवर्क सिखाता था । रमाबाई प्राथना समाज और सेवा सदन में बहुत ही व्यस्त रहती थी । इन्होने महिलाओं की एजुकेशन की जरूरत को समझते हुए , कई वोकेशनल और प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम organise करवाए । ये ट्रेनिंग प्रोग्राम सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि poor women, विधवाओं और abandoned wives के लिए भी था । बाकि सभी institutes की तरह , यहां हाई क्लास वूमेन पर फोकस नहीं किया जाता था और रमाबाई जी का main focus वर्किंग क्लास वूमेन की तरफ था ।
Advertisment

चन्द्रप्रभा सैकिआनी


चंद्रप्रभा सैकियानी असम के वूमेन मूवमेंट में भी शामिल थी और उन्होंने खुद की और उनकी बहन की पढ़ाई के लिए काफी मुश्किल लड़ाई लड़ी । वो पढ़ाई करने के लिए बहुत दूर boys स्कूल जाया करती थी क्योंकि उस समय वहां कोई महिला स्कूल नहीं होता था । उन्होंने 13 की उम्र में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने अपने एक छोटे से स्कूल की शुरुआत की तांकि बाकि लड़किया भी पढ़ सकें । Nagaon Mission School में पढ़ने के लिए उन्होंने स्कालरशिप हासिल की ,वो शुरू से ही वूमेन एजुकेशन को बढ़ावा देती थी।
Advertisment

पढ़िए : सावित्रीबाई फूले के बारे में कुछ ज़रूरी बातें


 
इंस्पिरेशन #फेमिनिज्म First Female Educators Hindi
Advertisment