महिलाओं को क्या परमिशन खुद को देनी चाहिए? आईए जानते हैं

एक महिला से परफेक्ट बनने की उम्मीद की जाती है कि वह हर काम को अच्छे से करें। उसके मुख से कभी मना सुनने को न मिले। ऐसे माहौल में महिलाएं खुद के बारे में सोचना भूल ही जाती हैं। उन्हें कभी जरूरत महसूस नहीं होती कि खुद को भी प्रायोरिटी देनी चाहिए।

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: Youngisthan.in)

Women Should Give These Permission To herself: हम महिलाएं अपनी जिंदगी बहुत रुककर जीती हैं। हमेशा कुछ भी करने से पहले बहुत सोचती हैं। सबसे बड़ी बात इनकी कंडीशनिंग ही ऐसी की जाती है। उन्हें इस बात का भी चिंता रहती है कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे क्योंकि महिलाओं पर उंगली उठने में देर नहीं लगती है। उनके प्रति सब की अपेक्षाएं भी बहुत ज्यादा होती है। एक महिला से परफेक्ट बनने की उम्मीद की जाती है कि वह हर काम को अच्छे से करें। उसके मुख से कभी मना सुनने को न मिले। ऐसे माहौल में महिलाएं खुद के बारे में सोचना भूल ही जाती हैं। उन्हें कभी जरूरत  महसूस नहीं होती कि खुद को भी प्रायोरिटी देनी चाहिए। आज महिलाओं को कुछ ऐसी परमिशन के बारे में बताएंगे जो उन्हें खुद को जरूर देनी चाहिए-

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महिलाओं को क्या परमिशन खुद को देनी चाहिए? आईए जानते हैं

मना करने की अनुमति

जितनी भी असहज स्थिति हो लेकिन महिलाएं कभी भी मना नहीं करती हैं। हमेशा अपनी क्षमता से ज्यादा ही काम कर जाती हैं जो कई बार उनके लिए काफी थकावट से भरा हो जाता है। यह उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी असर डालता है। इसलिए महिलाओं को मना करने की अनुमति खुद को जरूर देनी चाहिए क्योंकि हर बार हां कहना भी अच्छी बात नहीं होती. अपनी इच्छा को हर बार मारना आपकी मानसिकता पर बुरा असर डाल सकता हैं।

जरूरत के समय रोने की अनुमति

रोना भी एक इमोशन है जिसे हमारे समाज में बुरा माना जाता है। जब भी आपका मन करे आपको रो लेना चाहिए इससे आपका मन बहुत हल्का हो जाता है। आप बहुत अच्छा महसूस करेंगे। यह भी बाकी भावनाओं की तरह एक सामान्य भावना है जिसमें आपको अपने आप को रोकना या गलत नहीं मानना चाहिए। इसलिए जब भी मन कर रो लेना चाहिए।

किसी से मदद मांगने की अनुमति

आज की महिला घर हो चाहे जॉब दोनों को बराबर संभालती है। अगर उनके बच्चे भी है तो उन्हें भी वह खुद ही संभालती हैं। ऐसे में वह बर्नआउट हो जाती हैं। इसका उनकी मानसिकता पर भी असर देखने को मिलता हैं जो बहुत सारी बीमारियों का भी कारण बनता है। इसलिए महिलाओं को मदद जरूर मांगनी चाहिए। हर काम की जिम्मेदारी खुद के ऊपर नहीं लेनी चाहिए। अगर आप अच्छा नहीं महसूस कर रही हैं या आप ब्रेक लेना चाहती हैं तब आपको अपने पार्टनर से मदद मांगने में कोई शर्म नहीं आनी चाहिए। आपको उन्हें अपने ऊपर बिल्कुल भी डिपेंड नहीं करना चाहिए। उन्हें भी घर की जिम्मेदारियां का एहसास होना चाहिए।

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ब्रेक लेने की अनुमति

महिला हाउसवाइफ हो या वर्किंग ब्रेक लेने में बहुत गिल्ट महसूस करती हैं। उन्हें लगता हैं शायद अगर वह ब्रेक लेंगे तो दूसरे उनके बारे में क्या सोचेंगे। ब्रेक लेना शायद उनकी लिस्ट में नहीं होता है। जिंदगी में हम सबको ब्रेक चाहिए होती है। हम मानसिक और शारीरिक लेवल पर बहुत ज्यादा बर्नआउट हो जाते हैं। कई बार काम करने का मन भी नहीं करता हम फिर भी करते हैं। अगर आप मदर है तो बच्चों से भी ब्रेक लेना कई बार जरूरी हो जाता है। हमारे समाज में इसे बुरा माना जाता है कि हम शायद बच्चों की जिम्मेदारी से भाग रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है। जब भी जरूरत लगे एक दिन की ब्रेक लेने या छुट्टियों पर जाने का मन करे तो जरूर जाना चाहिए। इसमें कभी भी कोई गलती या फिर लोग क्या सोचेंगे इसके बारे में बिल्कुल भी सोचना नहीं चाहिए।

सीमाएं तय करने की अनुमति

बाउंड्रीज होना किसी भी रिश्ते में बहुत जरूरी है। महिलाओं को उसकी अहमियत जरुर समझनी चाहिए।  पार्टनर परिवार या फिर ऑफिस के कॉलीग या आपके कुछ अपने फ्रेंड्स सबके साथ एक बाउंड्री होना बहुत जरूरी है किसी को भी आपकी पर्सनल लाइफ में इंटर करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए आपको अपनी चॉइस के लिए किसी का आपको जज करना बिल्कुल नहीं है सही नहीं है आप सबके साथ एक सीमा जरूर तय करें या आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा होगा