World Book And Copyright Day 2025: जानिए थीम, इतिहास, महत्व और मनाने का तरीका

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस सिर्फ एक साहित्यिक पर्व नहीं, बल्कि विचारों, संस्कृति और मानवता को जोड़ने वाला सेतु है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किताबें केवल पन्नों में बंद शब्द नहीं, बल्कि बदलाव की चिंगारी होती हैं।

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Priya Singh
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World Book And Copyright Day 2025

Photograph: (Freepik)

World Book And Copyright Day 2025 Theme, History, Importance And How To Celebrate: हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस किताबों, लेखकों और पढ़ने की शक्ति को समर्पित एक वैश्विक उत्सव है। यह दिन न केवल पुस्तकों के प्रति प्रेम को बढ़ावा देता है, बल्कि रचनात्मकता, सांस्कृतिक विविधता और बौद्धिक संपदा की रक्षा के महत्व को भी रेखांकित करता है। 2025 में इस दिवस की थीम है – "सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में साहित्य की भूमिका", जो इस बात पर जोर देती है कि साहित्य वैश्विक समस्याओं को हल करने में एक प्रेरक शक्ति बन सकता है।

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विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का उद्देश्य

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस एक ऐसा मंच है जहां पुस्तक उद्योग से जुड़े प्रमुख हितधारक जैसे- प्रकाशक, पुस्तक विक्रेता और पुस्तकालय मिलकर पढ़ने की संस्कृति को प्रोत्साहित करते हैं। यूनेस्को इस दिन की अगुवाई करता है और हर वर्ष "विश्व पुस्तक राजधानी" के रूप में एक शहर का चयन करता है, जो पूरे वर्ष किताबों से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करता है। यह दिन यह भी दर्शाता है कि किस तरह किताबें पीढ़ियों के बीच सेतु का काम करती हैं, इतिहास को संरक्षित रखती हैं और वैश्विक संस्कृति को जोड़ती हैं। यह एक ऐसा उत्सव है जो व्यक्तिगत और सामाजिक बदलाव को प्रेरित करता है।

2025 की थीम

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2025 में, इस दिवस की थीम "सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में साहित्य की भूमिका" ‘The role of literature in achieving the Sustainable Development Goals (SDGs).’  है। यह विषय इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे साहित्य गरीबी, भूख, असमानता, शिक्षा की कमी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और कार्रवाई को प्रेरित करने का साधन बन सकता है। उदाहरण के लिए, ऐसी कहानियाँ जो सामाजिक न्याय, समानता या पर्यावरण की चिंता को उजागर करती हैं, पाठकों को सोचने और बदलाव की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।

इतिहास और महत्व

यूनेस्को ने इस दिवस की शुरुआत 1995 में पेरिस सम्मेलन में की थी, यह मानते हुए कि किताबें और लेखक समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं। 23 अप्रैल को चुने जाने के पीछे एक विशेष कारण है, यह दिन विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेंट्स और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा जैसे महान साहित्यकारों की पुण्यतिथि है। पहली बार यह उत्सव 1996 में बार्सिलोना में मनाया गया था और आज यह 100 से अधिक देशों में व्यापक रूप से मनाया जाता है। यह न केवल साहित्य के महत्व को उजागर करता है, बल्कि लेखकों और प्रकाशकों के अधिकारों की सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित करता है।

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विश्व बुक और कॉपीराइट दिवस कैसे मनाएं

1. पढ़ने की आदत को अपनाएं

इस दिन को मनाने का सबसे सरल और प्रभावशाली तरीका है- पढ़ना। चाहे आप कोई नया उपन्यास उठाएं या कोई पुराना पसंदीदा फिर से पढ़ें, पढ़ना आपको कल्पना की एक नई दुनिया में ले जाता है। बच्चों को जोर से पढ़कर सुनाना उन्हें पढ़ने के प्रति उत्साहित करता है।

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2. लेखकों और स्वतंत्र प्रकाशकों को समर्थन दें

स्थानीय किताबों की दुकानों से खरीदारी करें और स्वतंत्र लेखकों को प्रोत्साहित करें। आप साहित्यिक मेलों, बुक साइनिंग कार्यक्रमों और ऑनलाइन रीडिंग इवेंट्स में भाग लेकर साहित्यिक समुदाय का हिस्सा बन सकते हैं।

3. रचनात्मक साहित्यिक गतिविधियाँ करें

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अपने पसंदीदा उद्धरणों को साझा करें, बुक क्लब में शामिल हों, रीडिंग चैलेंज आयोजित करें या सोशल मीडिया पर किताबों की समीक्षाएँ पोस्ट करें। ये छोटे प्रयास बड़े स्तर पर साक्षरता को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं।

4. कॉपीराइट के महत्व को समझें

यह दिन केवल पढ़ने का उत्सव नहीं, बल्कि कॉपीराइट के महत्व को समझने का भी है। रचनात्मक कार्यों की सुरक्षा और लेखकों की मेहनत को मान्यता देने के लिए कॉपीराइट कानून अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आप एक लेखक हैं, तो अपने काम को सुरक्षित और साझा करने के लिए Creative Commons जैसे विकल्पों पर विचार करें।

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