विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस सिर्फ एक साहित्यिक पर्व नहीं, बल्कि विचारों, संस्कृति और मानवता को जोड़ने वाला सेतु है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि किताबें केवल पन्नों में बंद शब्द नहीं, बल्कि बदलाव की चिंगारी होती हैं।
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