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तापसी पन्नू ने अपने लिए बॉलीवुड में एक अलग जगह बनाली है। पिछले साल ऑडियंस ने उनकी पांच फिल्मों में बहुत अच्छा रेस्पॉन्स दिया और उन्होंने बॉक्स-ऑफिस पर 352 करोड़ रुपये कमाए हैं। जूम टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तापसी पिछले साल हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सफल और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली एक्ट्रेस के रूप में बाहर आयी हैं। चार फिल्में ब
इस खबर पर रियेक्ट करते हुए, तापसे ने ट्विटर पर लिखा, “ओह। मुझे नहीं पता था की ये होगा। मुझे लगता है मुझे क्वारंटाइन का ये मोमेंट अपनी जर्नी को अभी तक देखने और सेलिब्रेट करने में इस्तेमाल करना चाहिए। धन्यवाद।"
और पढ़िए: तापसी पन्नू की थप्पड़ क्या आज के समाज की असलियत है ?
तापसी ने 2013 में डेविड धवन की चश्मे बद्दूर के साथ अपनी हिंदी फिल्म की शुरुआत की। उनकी एक्टिंग और डेडिकेशन लेवल को उनकी शुरुआती बॉलीवुड फिल्मों, जैसे नाम शबाना और बेबी, में काफी तारीफ मिली।
एक ' रेस्टलेस' तापसी
तापसी को लगता है कि फिल्में वास्तविक जीवन का आईना होती हैं। उन्होंने कहा, “मैं आमतौर पर रेस्टलेस और हाइपरएक्टिव रहती हूं। पिछले दो सालों से, मैं हर साल 3-4 फिल्में बना रही हूं। और अगर चीजें प्लान के हिसाब से चली, तो इस साल मैं 5-६ फिल्में करूंगी।" तापसी ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया ।
थप्पड़ पर
नेशनल लॉकडाउन के कारण सिनेमाघरों में केवल दो सप्ताह चलने वाली थप्पड़ के बारे में बात करते हुए, तापसी ने कहा, “मुझे पता था कि लोगों के अलग अलग रिएक्शंस होंगे। मैं कभी लोगों को बदलना नहीं चाहती थी। मैं सिर्फ एक डिस्कशन शुरू करना चाहती थी। पिंक से थपप्पड़ तक का मेरा मकसद यही रहा है।" द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया। बाद में, फिल्म को ओटीटी रिलीज़ में एक स्लॉट मिला।
और पढ़िए: इन 5 महिला केंद्रित फिल्मों में बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया
दला, मिशन मंगल, गेम ओवर, सांड की आंख 2019 में रिलीज़ हुई थीं और थप्पड़, उनके करियर की सबसे बड़ी और सबसे चर्चित फिल्म थी और इस साल मार्च में रिलीज़ हुई थी।इस खबर पर रियेक्ट करते हुए, तापसे ने ट्विटर पर लिखा, “ओह। मुझे नहीं पता था की ये होगा। मुझे लगता है मुझे क्वारंटाइन का ये मोमेंट अपनी जर्नी को अभी तक देखने और सेलिब्रेट करने में इस्तेमाल करना चाहिए। धन्यवाद।"
और पढ़िए: तापसी पन्नू की थप्पड़ क्या आज के समाज की असलियत है ?
तापसी ने 2013 में डेविड धवन की चश्मे बद्दूर के साथ अपनी हिंदी फिल्म की शुरुआत की। उनकी एक्टिंग और डेडिकेशन लेवल को उनकी शुरुआती बॉलीवुड फिल्मों, जैसे नाम शबाना और बेबी, में काफी तारीफ मिली।
एक ' रेस्टलेस' तापसी
तापसी को लगता है कि फिल्में वास्तविक जीवन का आईना होती हैं। उन्होंने कहा, “मैं आमतौर पर रेस्टलेस और हाइपरएक्टिव रहती हूं। पिछले दो सालों से, मैं हर साल 3-4 फिल्में बना रही हूं। और अगर चीजें प्लान के हिसाब से चली, तो इस साल मैं 5-६ फिल्में करूंगी।" तापसी ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया ।
"मैं इसके लिए लड़ना चाहूंगी, बस मुझे एक उचित मौका दें। मैं फेमिनिस्ट होने के नाते सिर्फ यही कहूँगी, ”
थप्पड़ पर
नेशनल लॉकडाउन के कारण सिनेमाघरों में केवल दो सप्ताह चलने वाली थप्पड़ के बारे में बात करते हुए, तापसी ने कहा, “मुझे पता था कि लोगों के अलग अलग रिएक्शंस होंगे। मैं कभी लोगों को बदलना नहीं चाहती थी। मैं सिर्फ एक डिस्कशन शुरू करना चाहती थी। पिंक से थपप्पड़ तक का मेरा मकसद यही रहा है।" द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया। बाद में, फिल्म को ओटीटी रिलीज़ में एक स्लॉट मिला।
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