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Photograph: (IMDb)
TVF द्वारा प्रोड्यूस्ड और Amazon Prime Video पर स्ट्रीम की जा रही "पंचायत" सीरीज लगभग सभी की फेवरेट कॉमेडी सीरीज है। इसके तीन सीजन रिलीज हो चुके हैं जिसको दर्शकों को खूब प्यार मिला है। अब मेर्क्स की तरफ से चौथे सीजन की भी डेट अनाउंस की जा चुकी है। यह एक ऐसी सीरीज है जिसे फैंस तो पसंद करते ही हैं लेकिन सोशल मीडिया पर भी सबसे ज्यादा Memes इस सीरीज के ही वायरल होते हैं। मेर्क्स की तरफ से भी इस बात को खूब माना गया है, जब उन्होंने चौथे सीजन की अनाउंसमेंट की है। चलिए आज के इस आर्टिकल में कुछ पंचायत सीरीज के कुछ फेमस डायलॉग जानते हैं-
जानिए Panchayat Series के कुछ फेमस डायलॉग जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए
पंचायत सीरीज मजाकिया और हास्यपूर्ण संवादों के लिए जानी जाती है जिसमें जीवन के कही गहरे सच पता चलते हैं लेकिन इसे देखते समय आप सीरियस नहीं होते हैं। इसके साथ ही भारत के ग्रामीण जीवन के सार को खूबसूरती से दर्शाया गया हैं। चलिए सीरीज के कुछ मजेदार डायलॉग जानते हैं-
"किजिए मीटिंग मीटिंग, खेलिए मीटिंग मीटिंग, करते रहिए मीटिंग मीटिंग... अलहुआ मीटिंग।"
यह डायलॉग पंचायत सीजन 3 का है। इस फेमस डायलॉग के ऊपर बहुत सारे Meme भी बने हुए हैं। जब भूषण की तरफ से बार-बार मीटिंग्स बुलाई जाती है तब यह कमेन्ट नौकरशाही पर एक सटीक प्रहार है।
"समय से पहले कोई नहीं जाएगा, कोई नहीं मतलब कोई नहीं"
पंचायत सीजन 3 का यह डायलॉग प्रहलाद की तरफ से बोला गया है। यह डायलॉग दिल चीर देने वाला है और दर्शकों को इमोशनल कर देता है। सोशल मीडिया पर भी यह डायलॉग खूब वायरल हुआ था।
"देख रहा है न बिनोद, प्रधान जी गुस्सा दिखा रहे हैं"
भूषण का यह डायलॉग वायरल हुआ था जिसके बाद अनगिनत मीम्स बने।
"सोना देके कोई ईट-पत्थर ख़रीदता है का, अम्मा?"
एक मज़ेदार लाइन जो गाँव में कुछ फ़ैसलों की बेतुकी बातों को दर्शाती है।
"एक एक कप चाय और बोला जाए"
यह पंचायत सीरीज का एक फेमस डायलॉग है जिसमें गांव के लोगों का चाय के प्रति प्यार दिखाया है। इस सीन में गांव के दो लोग एक कप चाय का और मंगवाते हैं जब कुछ एक्साइटिंग होने लग जाता है।
सब तो कहीं न कहीं नाच ही रहे हैं, सचिव जी।"
एक डांसर द्वारा अभिषेक से कही गई ये बात जीवन के कभी न खत्म होने वाले नाच के बारे में बात करती है। इसके साथ ही समाज की औरतों के प्रति सोच को भी जाहिर करती है।
"जब शादी होगी, बच्चा होगा और 20 हज़ार में घर चलना पड़ेगा, तब आप भी शराबी बन जायेंगे।"
इस डायलॉग में बड़े ही हल्के Humour के जरिए जीवन के दबाव और सच्चाई को पेश किया है।
"बनराकस"
भूषण द्वारा इस्तेमाल किया गया यह सिंगल शब्द अपमान, मूर्खता को उजागर करने के लिए एक पसंदीदा शब्द बन गया।
"आत्मसम्मान नाम का भी कोई चीज़ होता है"
अभिषेक त्रिपाठी का यह डायलॉग काफी ह्यूमर क्रिएट करता है। यह डायलॉग उनके संघर्ष पर प्रकाश डालता है।