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Photograph: (Instagram/Kareena Kapoor)
Prada का स्प्रिंग-समर '26 शो मिलान में हुआ, जिसमें उनके मेन्सवेयर कलेक्शन में 'टो रिंग लेदर सैंडल' दिखाए गए। ये सैंडल भारत की कोल्हापुरी चप्पलों जैसे लगते थे। सोशल मीडिया पर लोग इसे कॉपी करने और सांस्कृतिक चोरी का आरोप लगाने लगे। साथ ही, इन सैंडल की कीमत ₹1 लाख बताई जा रही है, जिससे विवाद और बढ़ गया। इस मामले में अब करीना कपूर का नाम भी शामिल हो गया। चलिए पूरी खबर जानते हैं-
Kareena Kapoor ने पहनी ‘OG Kolhapuri' चप्पल, लक्जरी ब्रांड Prada पर तंज कसते हुए लिखा 'सॉरी नॉट…’
इस विवाद के बीच, बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी स्थानीय कोल्हापुरी चप्पल की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए Prada पर तंज कसा है। उन्होंने तस्वीर पर लिखा, "माफ कीजिए Prada नहीं... बल्कि मेरी OG कोल्हापुरी चप्पलें।"
पहचान चुराने का आरोप
कोल्हापुरी चप्पल भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है, जिसकी कारीगरी सदियों पुरानी है। ये चप्पलें महाराष्ट्र के कोल्हापुर में बनती हैं और इन्हें चर्मकार (चमार) समुदाय के कारीगर, जो अनुसूचित जाति से हैं, हाथ से बनाते हैं। ये चप्पलें उनके पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे कौशल, हिम्मत और मजबूती को दर्शाती हैं। 2019 में कोल्हापुरी चप्पलों को GI टैग मिला।
Prada ने कोल्हापुरी चप्पलों की नकल बिना संदर्भ या क्रेडिट के की, जिससे इनके सांस्कृतिक महत्व को ठेस पहुंची। कोल्हापुर और आसपास के कारीगरों ने श्रेय न देने पर नाराजगी जताई। महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर (MACCIA) ने Prada से मांग की कि वे अपने डिजाइन की प्रेरणा को आधिकारिक तौर पर स्वीकार करें।
MACCIA के अध्यक्ष ललित गांधी ने Prada को लिखा पत्र
MACCIA के अध्यक्ष ललित गांधी ने Prada को पत्र लिखकर कहा कि यह पहल नैतिक फैशन का वैश्विक मानक बनाएगी और दिखाएगी कि परंपरा व नवाचार साथ-साथ चल सकते हैं। उन्होंने कोल्हापुर या मुंबई में 'Prada Artisan Excellence Lab' बनाने और स्थानीय कारीगरों के लिए निष्पक्ष व्यापार मूल्य श्रृंखला की वकालत की। गांधी ने कहा कि ये सैंडल पुरानी परंपरा को दर्शाते हैं और हजारों लोगों की आजीविका का समर्थन करते हैं।
Prada ने माना कि उनके मिलान रनवे पर दिखाए गए जूते भारत के कोल्हापुरी सैंडल से प्रेरित थे। Prada के कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी प्रमुख लोरेंजो बर्टेली ने कहा, "हम स्वीकार करते हैं कि हमारे 2026 मेन्स फैशन शो में दिखाए गए सैंडल पारंपरिक भारतीय हस्तनिर्मित जूतों से प्रेरित हैं, जिनकी सदियों पुरानी विरासत है। हम भारतीय शिल्प कौशल के सांस्कृतिक महत्व को पूरी तरह समझते हैं।"
लोगों के रिएक्शन
PRADA is selling Kolhapuri chappals for ₹1.2 lakh — a design stolen from the Chamar community of India, who’ve handcrafted them for generations. No credit. No acknowledgment. Just pure cultural theft dressed in luxury branding. Shameful. #CulturalTheft #Kolhapuri pic.twitter.com/l3ITZlGSEG
— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) June 25, 2025
Prada is selling products looking like Kolhapuri chappals for over ₹1 lakh. Our artisans make the same by hand for ₹400. They lose, while global brands cash in on our culture. Sad! pic.twitter.com/Cct4vOimKs
— Harsh Goenka (@hvgoenka) June 26, 2025
New Age Colonialism Under the Garb of Fashion
— Sambhaji Chhatrapati (@YuvrajSambhaji) June 27, 2025
The foreign fashion house @Prada has just launched a sandal under its own label that is virtually indistinguishable from our traditional Kolhapuri chappal—one of India’s most cherished heritage crafts. By making no mention of its… pic.twitter.com/v9crAnPb00