“मैं जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी”: नुसरत भरुचा ने धार्मिक विश्वास और आलोचना पर तोड़ी चुप्पी

अभिनेत्री नुसरत भरुचा ने अपने धर्म, पहनावे और मंदिर जाने को लेकर हो रही आलोचनाओं पर खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह हर धर्म में आस्था रखती हैं और ट्रोलिंग के बावजूद अपने विश्वासों से नहीं डिगेंगी।

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Priya Singh
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Nushrat Bharucha

Photograph: (Nushrat Bharucha/Instagram)

Nushrratt Bharuccha Broke Her Silence On Religious Beliefs And Criticism: बॉलीवुड अभिनेत्री नुसरत भरुचा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने धर्म, विश्वास और व्यक्तिगत लाइफस्टाइल को लेकर की जा रही आलोचनाओं पर खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि कैसे वह एक उदार मुस्लिम होने के नाते न केवल मस्जिद, बल्कि मंदिर, चर्च और गुरुद्वारे जैसे विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाती हैं। ट्रोलिंग और आलोचना के बावजूद, नुसरत अपने विश्वासों पर अडिग हैं और उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह किसी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए खुद को नहीं बदलेंगी।

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“मैं जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी”: नुसरत भरुचा ने धार्मिक विश्वास और आलोचना पर तोड़ी चुप्पी 

नुसरत भरुचा ने कहा कि उनके लिए आस्था एक बेहद व्यक्तिगत और सच्चा अनुभव है। उनका मानना है कि अनदेखी और अदृश्य ताकतों में विश्वास ही उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूती देता है। उन्होंने बताया कि उनका परिवार हमेशा से धार्मिक स्वतंत्रता में विश्वास रखता है, जहाँ किसी पर अपनी आस्था थोपने की इजाजत नहीं है।

खबरों के मुताबिक अभिनेत्री ने यह भी बताया कि उन्हें मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा या मस्जिद हर जगह से शांति मिलती है। उन्होंने कहा, “जहां भी आपको सुकून मिले, वहां जाना चाहिए।” नुसरत ने यह भी साझा किया कि वह नियमित रूप से नमाज़ पढ़ती हैं और यात्रा के दौरान भी प्रार्थना की चटाई साथ ले जाती हैं। उनका मानना है कि ईश्वर एक है और हर किसी का रास्ता अलग हो सकता है।

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अपने पहनावे और मंदिर जाने को लेकर होने वाली आलोचना पर नुसरत ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर कई बार निशाना बनाया गया है। "लोग पूछते हैं, ‘वह किस तरह की मुस्लिम है? उसके कपड़े देखो।’" लेकिन नुसरत ने स्पष्ट किया कि वह इन कमेंट्स से प्रभावित नहीं होतीं।

आलोचना से नहीं बदलेगा रास्ता

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ट्रोलिंग और कमेंट्स के बावजूद नुसरत का कहना है कि वह अपनी लाइफस्टाइल और धार्मिक आस्थाओं में कोई बदलाव नहीं लाएंगी। उन्होंने कहा, "मैं मंदिर भी जाऊंगी और नमाज़ भी पढ़ूंगी, क्योंकि यही मेरा विश्वास है। जब आप अपने विचारों और आत्मा में स्पष्ट होते हैं, तो कोई आपको डिगा नहीं सकता।"

Criticism Nushrratt Bharuccha