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Radio Jockey: बोलने में तेज़ हैं तो चुने आरजे को अपना पहला करिअर

करिअर-कौशल : आरजे सायमा, आरजे रौनक और नावेद जैसे तमाम आरजे ने एफ़एम या रेडियो के फ़ील्ड में अपनी पहचान बना रखी है। ऐसे ही आप भी आरजे के फ़ील्ड को अपने करिअर के रूप में चुन सकते हैं।

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Prabha Joshi
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आरजे

आरजे के लिए क्षेत्रीय बोलचाल की पकड़ होनी चाहिए

Radio Jockey: आपने सुना होगा 92.5 बिग एफ़एम, 93.5 रेड एफ़एम, फ़ीवर 104 एफ़एम और 91.1 रेडियो सिटी जैसे तमाम एफ़एम चैनल आजकल लोगों की पहली पसंद तेज़ी से बनते जा रहे हैं। अगर आपको लगता है आप बोलने में बहुत आगे हैं, अकसर घर भर में बोलने के लिए आपको डांटा या सराहा जाता है तो आप बोलने को ही अपने करिअर के रूप में चुनें। जी हां, बोलने पर जो करिअर है वो रेडियो जॉकी का है।

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देश-विदेश की जानकारी ज़रूरी

रेडियो जॉकी बहुत आकर्षक फ़ील्ड है। इसमें क्या है कि व्यक्ति के अंदर वो कौशल होना चाहिए जिसमें वो किसी भी विषय पर कितना ही बोलने की हिम्मत रखता हो। इसके साथ उसके अंदर तुरंत जवाब देने जिसे हाजिरजवाबी भी कहते हैं, होना चाहिए। उसको अपने आस-पास के, अपने देश के और विदेश की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। देश और दुनिया में क्या चल रहा है, कौन-सी फ़िल्म आ रही है, कौन सुर्खियों में है, हिट गाना, फ्लॉप गाना और तमाम जानकारी उसे अपने पास रखनी है।

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आरजे के लिए योग्यता

रेडियो जॉकी पूरा का पूरा बोलने का करिअर है। इसमें करिअर बनाने के लिए आपको किसी भी अच्छे संस्थान से बारहवीं के बाद मॉस कम्यूनिकेशन या पत्रकारिता में डिग्री लेनी होगी। अगर ये नहीं तो आप किसी भी सब्जेक्ट से ग्रेजुएट हो सकते हैं लेकिन आपमें रेडियो को लेकर कोई डिप्लोमा कोर्स करा हो, या मॉस कम्यूनिकेशन में डिप्लोमा किया हो। इससे आपकी राह आसान बन जाती है। 

आजकल बहुत तेज़ी से एफ़एम चैनल्स ग्रो कर रहे हैं। आपने देखा होगा एफ़एम चैनल के आरजे आपके फ़ेवरेट भी होंगे। ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए कि आरजे न केवल आपका मनोरंजन करते हैं बल्कि वो आपको अपनापन सा भी महसूस कराते हैं। यानि के आरजे बनने या इस फ़ील्ड में आने के लिए आपको भाषा में अच्छी पकड़, लिखने और बोलने का कौशल होना चाहिए। आपको ऐसे बात करनी चाहिए जैसे आप किसी अपने दोस्त, रिश्तेदार या अपने आदमी से बात कर रहे हों। जी हां, एकदम आम बोलचाल में बोलने वाले आर.जे. ही लोगों की पहली पसंद होते हैं। 

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क्षेत्रीय भाषा की जानकारी ज़रूरी

हर क्षेत्र का अपना बोलने का स्टाइल होता है और लाइग्वेंज होती है। ऐसे में आपको आरजे बनने से पूर्व यह तय कर लेना होता है कि आप संबंधित एफ़एम की क्षेत्रीय भाषा से भलीभांति परिचित हों। आपमें वो कौशल हो जिसके तहत आप एक ग्रामीण व्यक्ति को भी अपनी बात पहुंचा दें, उसे अपना फ़ैन बना दें। 

इस तरह आप एफ़एम के क्षेत्र में एक आर.जे. के रूप में करिअर का चुनाव कर सकते हैं। इस क्षेत्र में आपको पैसे के साथ-साथ एक बड़ी पहचान मिलती है। आरजे सायमा, आरजे रौनक और नावेद जैसे लोगों की तरह आप भी अपनी पहचान आरजे के फ़ील्ड में बना सकते हैं।

करिअर Radio मॉस कम्यूनिकेशन आरजे Radio Jockey
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