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Career Special: ट्रांसलेशन और भाषाओं में पकड़ के साथ बनाएं करिअर

करिअर-कौशल_ब्लॉग : ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में और साथ ही समय-समय पर शिक्षा नीति में बदलाव ट्रांसलेशन के मौक़े संवार रहा है। आइए जाने भाषाओं का अर्थ ट्रांसलेशन से जुड़े करिअर में किस तरह है

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Prabha Joshi
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ट्रांसलेशन में मौक़े

भाषाओं और बोलियों में हैं बहुत अवसर

Career Special: ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में और साथ ही समय-समय पर शिक्षा नीति में बदलाव भाषाओं पर मौक़े संवार रहा है। बता दें, नई शिक्षा नीति से अब देश में ही भाषाओँ के स्तर पर कई बदलाव देखे जा रहे हैं। जब हमें कई भाषाओँ की अच्छी जानकारी हो जाती है, तो हमारे पास ट्रांसलेटर बनने के अवसर पैदा हो जाते हैं। वैसे तो किन्हीं दो-भाषाओं में अच्छी पकड़ होना ही बहुत बड़ी बात है। आप इसी से ट्रांसलेटर बन सकते हैं लेकिन फिर भी एक तीसरी भाषा प्लस प्वाइंट है। 

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भाषा और बोलियों का बढ़ रहा महत्व

आज ज़्यादातर संस्थान तीन भाषाओं की जानकारी रखने वाले को ज़्यादा हायर कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि भारत में हिंदी और इंग्लिश के साथ-साथ राज्य स्तर पर चलने वाली भाषाओं और बोलियों का भी अब महत्व बढ़ गया है। राज्य स्तर पर चलने वाली भाषाएं और बोलियां जैसे—भोजपुरी, मैथली, गुजराती, तमिल, कन्नड़ आदि। दो भाषाओं से हटकर भाषाओं का ज्ञान रखने वाले आज बहुत ज़रूरी हो गए हैं। 

ट्रांसलेशन में बनाएं करिअर

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महिलाएं ट्रांसलेशन में अपना करिअर बना सकती हैं। ट्रांसलेशन के फ़ील्ड में अपना करिअर बनाने के लिए आप बारहवीं के बाद किसी अच्छे संस्थान से लिंग्विस्टिक या किसी भाषा पर कोर्स कर सकते हैं। आप ग्रेजुएशन और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन किसी एक भाषा से कर सकते हैं। इसके साथ ही अब हायर एजुकेशन में इलेक्टिव कोर्स के तहत आप किसी भाषा को या लिंग्विस्टिक सब्जेक्ट को चुन सकते हैं। ये आपकी डिग्री में प्लस प्वाइंट लाएगी। इससे आपको न केवल भाषा के बारे में जानकारी मिलेगी बल्कि आपको भाषा पर आगे करिअर बनाने का मौक़ा भी मिल जाएगा। इसके साथ ही बहुत से संस्थान भाषाओं पर शार्ट टर्म कोर्स या डिप्लोमा कोर्स कराते हैं। आप किसी अच्छे संस्थान से इन पर दाख़िला ले सकते हैं। 

ट्रांसलेशन का स्कोप सरकारी और ग़ैर-सरकारी दोनों संस्थानों में है। आजकल बहुत-सी मिनिस्ट्री में ट्रांसलेटर या इंटरप्रेटर के रूप में आवेदन मांगे जा रहे हैं। इसके साथ ही विदेशी संस्थानों में भी ट्रांसलेटर के तौर पर वेकेंसी खुल रही हैं। जहां-जहां भी भाषा से जुड़ा काम है, वहां-वहां पर ट्रांसलेशन की ज़रूरत पड़ती है, जैसे न्यूज़ चैनल, पब्लिशिंग हॉउस, फ़िल्म इंडस्ट्री। फ़िल्म इंडस्ट्री में अगर आपको भाषा की अच्छी पकड़ होगी तो आप कैप्शन राइटर या डॉयलॉग राइटर बन सकेंगे। भाषा में डिग्री होगी तो आप लैंग्वेज टीचर के रूप में भी किसी संस्थान मों एप्लाई कर सकते हैं। 

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ट्रांसलेटर के गुण और विशेषताएं 

एक अच्छा ट्रांसलेटर होने के लिए आपके पास भाषा की पकड़ के साथ-साथ मैनेजमेंट के अच्छे गुण होने चाहिंए। आपको टीम वर्क और रिसर्च मे इंट्रेस्ट के साथ लोगों को पहचानने की विशेषता होनी चाहिए। गुड कम्यूनिकेशन स्किल्स के साथ गुड रीडिंग एंड अंडरस्टेंडिंग यानि न केवल संवाद कौशल बल्कि लिखे हुए को अपनी भाषा में अच्छा समझाने का हुनर होना चाहिए। 

वैसे तो तकनीक़ भी ट्रांसलेशन कर रही है लेकिन मैनुएल ट्रांसलेशन की और ही बात होती है। तकनीक़ कितना ही आगे बढ़ जाए, एक अच्छा ट्रांसलेटर अपने अनुभव और भाषा-कौशल से तकनीक़ को भी पछाड़ने का साहस रखता है। ऐसे में आप बिल्कुल न सोचें कि आने वाले समय में ट्रांसलेटर की उपयोगिता ख़त्म हो जाएगी। आप ट्रांसलेशन पर करिअर बनाने की सोच रहे हैं तो अपने सपने को पूरा करिए और भाषा के जादूगर बनिए। 

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