Advertisment

Raja Parba : ओडिशा के त्यौहार रज पर्ब के बारे में जानिए 10 बातें

author-image
Swati Bundela
New Update
रज पर्ब ओडिशा का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और मशहूर त्योहार माना जाता है। यह त्यौहार भूमा देवी को समर्पित होता है और भगवान विष्णु की चर्चा की जाती है। यह त्यौहार पूर्ण रूप से नारीत्व मनाता है। आइये जानते हैं इस त्यौहार से जुड़ी ज़रूरी 10 बातें

Advertisment

रज पर्ब से जुड़ी 10 ज़रूरी बातें



1. क्या होता है रज पर्ब ?

Advertisment


ओडिशा भारत के पूर्वी तटीय इलाकों में से एक है जो अपने त्योहारों और संस्कृतियों के लिए बहुत ही मशहूर है। राजू पर्व भी उन्हीं मशहूर त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार 3 दिन लंबा होता है और यह त्यौहार उमा देवी यानी कि पृथ्वी और नारीत्व की ओर समर्पित होता है।

2. कब शुरू होता है रज पर्ब ?

Advertisment


यह त्यौहार मिथुना संक्रांति के एक दिन पहले शुरू होता है और उसके 2 दिन बाद तक चलता है जिसके दौरान उड़िया लोग अपनी रीतियों के हिसाब से इस त्योहार को मनाते हैं।

3. रज पर्ब के तीन दिन

Advertisment


रज पर्ब को 3 दिन तक लगातार मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को पहिली रज, दूसरे दिन को मिथुन संक्रांति और तीसरे दिन को बसी रज कहते हैं।

4. त्यौहार की तैयारी

Advertisment


रज पर्व की तैयारी पहली राज से 1 दिन पहले ही शुरू हो जाती है जिसे सच सच कहते हैं। इस दिन अविवाहित लड़कियां शादी के लिए तैयार होना शुरू होती हैं।

5. त्यौहार की रीतियाँ

Advertisment


ओड़िया लोग इस त्यौहार को मनाते समय बहुत सारे फलों का इस्तेमाल करते हैं जैसे पोडापिथा, नंगे पांव नहीं चलते हैं, हर रोज नहाते हैं और खुशी से पेड़ों पर टंगी रस्सियों के ऊपर चढ़ते हैं।

6. क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार ?

Advertisment


हर त्योहार से कोई ना कोई कहानी जुड़ी होती है। उसी तरह यह त्यौहार मनाने की कहानी भूमादेवी के मेंस्ट्रूअल साइकिल शुरू होने से जुड़ी हुई है।उड़िया में रज शब्द का मतलब ही मेंसुरेशन या महावारी होता है।



यह शब्द रजस्वला से निकाला गया है जिसका मतलब होता है महावारी के दौरान महिला। यह त्यौहार महिलाओं की महावारी को खूबसूरती से दिखाता है।

7. क्यों है यह त्यौहार खास?



यह त्यौहार नारीत्व को समर्पित होने के साथ उनकी बच्चों को जन्म देने की समर्थता को भी सम्मानित करता है। महावारी को फर्टिलिटी की निशानी माना जाता है।

8. इस त्योहार को किस प्रकार मनाया जाता है  ?



पर्व के दौरान उड़िया लोग अपने सभी कंस्ट्रक्शन के काम को रोक देते हैं और जमीन को खोजने या फिर हानि पहुंचाने वाली हर प्रक्रिया को रोक देते हैं। यह सब ना करके वे माता भूमि को उनके काम से कुछ समय के लिए छुटकारा देते हैं।

9. त्यौहार का अंत



यह त्यौहार वसुमति स्नान के साथ खत्म होता है जिसमें बूमादेवी को लहराया जाता है। महिलाएं भूमि की पूजा करती हैं।

10. पर्ब और मौसम



यह त्यौहार ग्रीष्म ऋतु खत्म होने और मानसून की शुरुआत का प्रतीक होता है।
न्यूज़ सोसाइटी
Advertisment