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वजाइनल ब्लीचिंग क्या होती है ?
शरीर के प्यूबिक या वजाइनल हिस्से को क्रीम्स, लोशन या केमिकल पीला के ज़रिए गोरा करने की प्रक्रिया को वजाइनल ब्लीचिंग कहते हैं।
इसे वजाइनल ब्लीचिंग कहते हैं लेकिन इसका अर्थ सिर्फ वजाइना के ऊपरी हिस्से, वल्वा को साफ करना ही होता है।
ब्लीचिंग का मतलब सिर्फ एरिया को साफ करना होता है ना कि इसमें सच मुच ही ब्लीच मौजूद होता है। हालांकि आप इसके लिए क्रीम्स और लोशंस का इस्तेमाल करते हैं जिसमें हानिकारक केमिकल्स हो सकते हैं।
वजाइनल व्हाइटनिंग क्रीम्स के नुकसान
1. इरीटेशन की समस्या हो सकती है
जब भी आप अपनी नाजुक स्किन पर व्हाइटनिंग क्रीम्स का इस्तेमाल करती हैं , ये क्रीम्स उस स्किन को पतला बनाना शुरू कर देती हैं।
वजाइना के आस पास के एरिया में ये क्रीम्स लगाने से आपको बर्निंग, इरीटेशन और खुजली की समस्या देखने को मिल सकती है।
2. दर्द पैदा कर सकती है
ये व्हाइटनिंग क्रीम्स आपके नाजुक हिस्सों पर लगने के बाद इरीटेशन के साथ साथ कभी कभी दर्द भी पैदा कर सकती हैं जिससे आपको चलने और बैठने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
3. इन्फेक्शन को जगह दी सकती हैं
आपके वजाइनल एरिया के आस पास हमेशा ही अच्छे और बुरे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जिनके कारण वहां का pH बैलेंस रहता है और इन्फेक्शन भी नहीं रहता।
लेकिन व्हाइटनिंग क्रीम्स का इस्तेमाल करने से आपके प्यूबिक एरिया का pH बदल सकता है और इसके कारण इन्फेक्शन या बैक्टीरियल वेजिनोसिस की समस्या हो सकती है।
तो ये थे वजाइनल व्हाइटनिंग क्रीम्स के नुकसान और इसलिए आपको ये क्रीम्स नहीं इस्तेमाल करनी चाहिए।
याद रखें , आपके वजाइना और वलवा का रंग शरीर के बाकी हिस्सों के रंगो के मुताबिक ज्यादा डार्क ही होता है और ये बिलकुल सामान्य बात है।