New Update
जानिए फ़ूड पोइज़निंग के 4 प्रमुख कारण:
1. नोरोवायरस
इस वायरस को "स्टमक फ्लू" भी कहा जाता है और फ़ूड पोइज़निंग का ये सबसे प्रमुख कारण है। नोरोवायरस ना सिर्फ आपको दूषित फूड्स खाने से इफ़ेक्ट करता है बल्कि कई तरह जके कॉमन प्लेस जैसे दरवाज़ा, खिड़की या इससे संक्रमित लोगों के साथ कांटेक्ट बनाने से भी ये आपको जकड़ सकता है। इसके सिम्पटम्स कम से कम 1 से 3 दिन तक रह सकते हैं। इसलिए मानसून के समय अपने घर और किचन की बराबर साफ़-सफाई करते रहें।
2. क्लॉस्ट्रीडियम पेरफरिंगेंस
ये एक प्रकार का बक्टेरिया होता है जो अक्सर उन फूड्स में पाया जाता है जो बल्क में बनाये जाते हैं। इसीलिए ज़्यादातर ये आपको किसी कैफेटेरिया, हॉस्पिटल या केटर्ड इवेंट्स के फ़ूड कन्सम्प्शन के बाद हो सकता है। ऐसे में अगर इन फूड्स को फिर से थोड़ा कुक किया जाए तो बैक्टीरिया तो ख़त्म हो सकता है लेकिन उसका इफेक्ट्स नहीं। ऐसे में आपको क्रैम्प्स और डायरिया हो सकता है और आप कुछ दिनों तक बीमार रह सकते हैं।
3. साल्मोनेला
ये एक बक्टेरिया ग्रुप है जो अधपके खाने में ग्रो करते हैं। इसलिए आपको ये ज़्यादातर तब इफ़ेक्ट करते हैं जब आपने अधपका मीट, अनपस्टेयराइज़्ड दूध या फिर चीज़ का सेवन किया हो। कुछ प्रकार के फल और सब्ज़ी जैसे खरबूजे और स्प्राउट्स में भी ये बैक्टीरिया ग्रो कर सकता है। फ़ूड के सेवन के 1 से 3 दिन के अंदर आपको इसके सिम्पटम्स नज़र आने लग सकते हैं।
4. लिस्टेरिया
ये काफी असामान्य सा बैक्टीरियम जो लो तापमान में भी ग्रो कर सकता है। इसलिए ये आपके फ्रिज के अंदर भी अच्छे से ग्रो कर जाएगा। ये बैक्टीरिया फिश, कच्चे (अनपस्टेयराइज़्ड) चीज़, आइस-क्रीम और हॉटडॉग्स में भी हो सकता है। फ़ूड के इंजेक्शन के 24 घंटे के अंदर आपको इसके सिम्पटम्स दिखने लग सकते हैं और आपको तुरंत वोमिटिंग और जी मिचलाना जैसी समस्या हो सकती है।