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5 Acid Survivors With Unbreakable Determination: 5 एसिड अटैक सर्वाइवर जो लड़कियों के लिए बनी उम्मीद

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Swati Bundela
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Acid Survivors: महिलाओं के खिलाफ होने वाले जुर्म दिन प्रतिदिन भयनाक रूप ले रहे है। एसिड सिर्फ व्यक्ति का चेहरा नहीं बिगाड़ देता है बल्कि कॉन्फिडेंस, ज़िन्दगी जीने की इच्छा को भी एक तरह से खत्म कर रहा है। इस संदर्ब में बनी फिल्म छपाक एसिड सर्वाइवर की ज़िन्दगी को दर्शाती है, उनका खुद के साथ संघर्ष, लोगों के साथ संघर्ष को बयां करती यह फिल्म का डयलॉग "एसिड सिर्फ उनका चेहरा बदल सकती है पर उनकी आत्मा नहीं"। यह हर सर्वाइवर को हिम्मत और ज़िन्दगी जीने की हिम्मत दे रहा है। लक्ष्मी अग्रवाल की तरह कई एसिड सर्वाइवर सबके लिए प्रेणना बन रही है आइए जानते है उनके बारे में-

1. प्रज्ञा सिंह

2013 में शादी के बाद प्रज्ञा अपैरल मैनेजमेंट में करियर बनाने की तैयारी कर रही थी, जब वह ट्रैन से वारणसी से दिल्ली रात को अकेले सफर कर रही थी तब प्रज्ञा ने एक बार एक लड़के का प्रपोजल रेजेक्ट किया जिसने बदला लेने के लिए एसिड फेंका । प्रज्ञा की शादी को तब 12 ही दिन बीते थे जब यह हादसा हुआ। 7 साल उन्हें इस सदमे से निकलने में लगे फिर उन्होंने अपने फ्रेंड्स और हस्बैंड की सपोर्ट से अतिजीवन फाउंडेशन NGO की शुरुआत की जो आज एसिड अटैक को फ्री सर्जिकल ट्रीटमेंट मुहैया करा रही है।

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2. रेशमा कुरैशी

जब रेशमा 17 साल की थी उनपर 4 मर्दो ने एसिड अटैक किया जिसमें उनकी बहन के पति भी शामिल थे। तब वह अलाहाबाद में एग्जाम देने के लिए गयी थी। यह अटैक उनकी हिम्मत को नहीं जला पाया। 2017 में रेशमा न्यू यॉर्क फैशन वीक में रैंप वाक करने वाली पहली एसिड अटैक सर्वाइवर बनी। आज वह इंडिया में एसिड की बिक्री पर बनाएं रूल्स रेगुलेशंस में कमी के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रही है।

3. अनमोल रोड्रिगुएज

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अनमोल 2 महीने की थी जब उनके पिता ने उनकी माँ पर एसिड फेंका, अनमोल अपनी माँ की गोद में थी जिसकी वजह से उन्हें भी एसिड अटैक का शिकार होना पड़ा। अनाथ आश्रम में पली बड़ी अनमोल आज साहस फाउंडेशन चला रही है जो एसिड अटैक सर्वाइवर की मदद करता है। इसके साथ वह फैशन आइकॉन, मॉडल है और Clovia नाम ब्रांड लांच कर चुकी है।

4. दौलत बी खान

दौलत बी खान एक मेकअप आर्टिस्ट है जिनपर एसिड उनकी बहिन और जीजा ने फेंका, कारण माँ की देखभाल को लेकर दौलत ने सवाल किए थे। आज वह मुंबई बेस्ड सहस NGO के काम कर रही है। यह NGO एसिड सुविवोर्स को काउंसलिंग, एजुकेशन और एम्प्लॉयमेंट प्रोवाइड कर रही है।

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5. डॉली

उत्पीड़न की शिकायत घर वालों से करने पर व्यक्ति ने 12 साल की डॉली पर एसिड फेंक दिया जब वह बच्चों के साथ खेल रही थी। साल बाद भी वह इस सदमे से उभर नहीं पायी फिर जब उन्हें आगरा के sheroes कैफ़े के बारे में पता चला जो एसिड सर्वाइवर की मदद करता है। डॉली आज उनके साथ काम कर रही है। डॉली ने उसपर एसिड अटैक करने वाले व्यक्ति को लेटर जेल में लेटर लिखा जिसमें उसने लिखा- तुमने मेरा चेहरे पर एसिड फेंका, मेरी जीवन जीने की इच्छा पर नहीं।



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