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1. एक्स-लिंक्ड इनहेरिटेड डिसऑर्डर्स
कुछ डिसऑर्डर्स ऐसे होते हैं जो एक्स-लिंक्ड होते हैं। इसका मतलब है की ये एक्स क्रोमोजोम के थ्रू ही पास होंगे। महिलाएं XX क्रोमोजोम की कर्रिएर होती हैं और इसलिए उनके द्वारा ये डिसऑर्डर्स एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन को चला जाता है। इस कर्रिएर प्रोसेस का पता प्रेगनेंसी के टाइम ही कर लेना चाहिए ताकि फिर आपको जेनेटिक कॉउंसलिंग में मदद मिलें। ऐसे कुछ डिसऑर्डर्स हैं हीमोफिलिया और ड्युचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी।
2. एक्सपेक्टिंग मदर्स के बच्चों में र्क्रोमोसोमल अनउपलोइडी
ये एक ऐसा कंडीशन है जब क्रोमोजोम का नए फॉर्म हो रहे बच्चे में सही से डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हुआ है। ये गलती फर्टिलाइजेशन के समय होती है और अगर इसको सुधारा नहीं जाए तो आपके बच्चे का जन्म कुछ कमियों का साथ होगा। इस बीमारी का सबसे कॉमन एक्साम्पल है डाउन सिंड्रोम जहाँ 21st क्रोमोजोम से कुछ एक्स्ट्रा मटेरियल बन जाता है। इस कंडीशन से बचने के लिए ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने प्रेगनेंसी में जेनेटिक स्क्रीनिंग और डायगनोस्टिक टेस्ट्स करवाएं।
3. हिमेटोलोजिकल डिसऑर्डर स्क्रीनिंग
सबसे ज़्यादा कॉमन हिमेटोलोजिकल डिसऑर्डर्स हैं थैलेसीमिया और सिकल सेल डिजीज। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की एक एक्सपेक्टिंग कपल होने के नाते आप अपनी स्क्रीनिंग करवाएं और ये पता करें की आप किन बीमरियों के कर्रिएर हो सकते हैं। अगर आप ऐसी बीमरियों के कर्रिएर हुए तो इसको आपके बच्चे तक नहीं पहुँचाने के लिए भी मेडिकल साइंस में बहुत सारे तरीकें उपलब्ध है।
4. रेकर्रेंट प्रेगनेंसी लॉस
अगर आप तीन बार प्रेगनेंसी लॉस से गुज़र चुकी हैं तो फिर आपको रेकर्रेंट प्रेगनेंसी लॉस है। ये कंडीशन जेनेटिक्स के कारण भी हो सकती है। ऐसे कुछ कॉमन कंडीशन हैं क्रोमोसोमनल या जेनेटिक अब्नोर्मलिटीज़। आप चाहें तो ये पता भी लगा सकते हैं की आपकी प्रेगनेंसी लॉस किस वजह से हुई है।
5. हेरेडिटरी ब्रैस्ट और ओवेरियन कैंसर
एक शोध के मुताबिक महिलाओं में 15 प्रतिशत ओवेरियन और 7 प्रतिशत ब्रैस्ट कैंसर की वजह है जेनेटिक्स। इसका संपर्क हमारे BRCA1 और BRCA2 जीन से होता है। इसके अर्ली डिटेक्शन के लिए हमारे पास आज दो टेस्ट उपलब्ध हैं BRCA1 और BRCA2 टेस्ट। अगर आपके परिवार में इसकी हिस्ट्री है तो आप भी इससे ससेपटिबल होंगी इसलिए आप समय रहते अपना टेस्ट ज़रूर करवाएं।