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5 Health Test For Women In Their 50s: इन टेस्ट के कराने से रहेंगे आप हमेशा हैल्दी

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Swati Bundela
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Health Test For Women : हम औरतें अपनी हैल्थ को सबसे ज़्यादा अनदेखा करती है, ध्यान तभी देती है जब अपनी जान के साथ दूसरी जान भी जुडी हो यानि कि जब प्रेग्नेंट हो। बच्चे, ऑफिस, पति, घर की ज़िम्मेदारी में इतना उलझ जाती है कि सेल्फ केयर तो भूल ही जायो। रोज़ काम करना ,थकान महसूस होना और बीमारी के सिम्पटम्स को इग्नोर करते जाने पर पहले कोई नेगेटिव इम्पैक्ट नहीं दिखता है पर 30 के बाद हड्डियां कमज़ोर होने लगती है 50 के बाद गंभीर बीमारियां तन को घेर लेती है।

ऐसे में पहले सावधानी बरतने से खतरे को टाला जा सकता है। इसके लिए मेडिकल चेक-अप करवाते रहे क्योंकि 50 के बाद मीनोपॉज से शरीर में काफी बदलाव आता है। आईए जानते है कुछ मेडीकल टेस्ट के बारे में जिन्हें 50 की उम्र के पास महिलाओं को अवश्य करा लेना चाहिए।

5 Health Test For Women In Their 50s - 

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1. ब्लड प्रेशर

आजकल के लाइफस्टाइल के कारण बच्चों तक का बीपी लौ व हाई हो रहा होता है। हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हार्ट डिसीसेस, किडनी की बीमारी, क्रोनिक हार्ट फेलियर का कारण बनता है। इसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। ब्लड प्रेशर का अचानक बढ़ जाना जान के लिए खतरा भी पैदा करता है। इसलिए नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहे।

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2. थाइरोइड

थाइरोइड की वजह से डिप्रेशन, मूड स्विंग्स, वजन में अचानक बदलाव, चिंता, तापमान में चैंजेस, थकान जैसी समस्या उत्पन होती है। मर्दो के मुकाबले महिलाओं में यह बीमारी अधिक पायी जाती है जिसका उन्हें ज़्यादातर पता नहीं चलता। मीनोपॉज के पास इसका खतरा बढ़ जाता है इसके लिए साल में एक बार थाइरोइड का टेस्ट अवश्य कराएं।

3. डायबिटीज

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डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है जिससे ब्लड वेसल्स, नसों से लेकर ऑर्गन डैमेज होने का खतरा रहता है। समय पर इसका पता ना चलने पर शरीर को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अगर पेरेंट्स में से किसी को डायबिटीज हो तो बच्चों को होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कम से कम साल में एक बार इसकी जांच करानी चाहिए।

4. विटामिन बी और डी

50 के बाद शरीर में विटामिन बी और डी की कमी हो जाती है। शाकाहारी होना, डायबिटीज, पाचन क्रिया की प्रॉब्लम्स से जूझ रही महिलाओं में विटामिन डी और बी की कमी का अंदेशा होता है। इससे हड्डियां कमज़ोर होना, थकान महसूस होना, अंगो में झुनझुनी महसूस होती है ऐसे में जांच कराना और भी अवश्य हो जाता है।

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5. ब्रैस्ट कैंसर

महिलाएं अगर जिस हिस्से को सबसे ज़्यादा नेग्लेक्ट करती है वो है ब्रैस्ट और इससे जुड़ी बीमारी ब्रैस्ट कैंसर को। ज़्यादातर लास्ट स्टेज पर पहुँचने पर महिलाओं को इस बात का एहसास होता है पर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए 50 की उम्र की महिलायों को साल में एक बार मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड, स्क्रीनिंग अवश्य करनी चाहिए खासतौर पर अगर ब्रैस्ट कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है तो।



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