Rights For Women: आज महिलाएं हर क्षेत्रय में अपनी पहचान बना रही है। लोग अब औरतों को बस घर चलाने वाली ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में उनकी है अहमियत को समझते है। वह समझ रहे है पर अभी भी महिलाएं अपने अधिकारों से विमुख है। उन्हें अपने सभी अधिकारों का पता नहीं है। आईये जानते है कुछ अधिकार जो महिलाओं के लिए जरूरी है।
1.पिता की संपंत्ति पर अधिकार
अक्सर जब औरत का विवाह हो जाता है तो उसे कहा जाता है कि उसका मायके की चीज़ो, संपत्ति पर हक़ नहीं है अब उसके पति की संपंत्ति ही उसकी है पर वहाँ उसे पराया कहा जाता है। ऐसे में कोर्ट के अनुसार पिता की
संपत्ति पर सभी बच्चों का अधिकार है चाहे वो लड़का हो या लड़की।
2.पति की संपंत्ति पर हक़
तलाक हो जाने के बाद अगर महिला की आर्थिक रूप से परिस्थिति अच्छी नहीं है तो वो कोर्ट से अपने पति से हक़ मांग सकती है। औरत का अपने पति की संपन्ति पर भी हक़ है। वह उनसे मासिक आय की मांग कर सकती है।
3.मातृत्व अवकाश
महिलाओं के काम के दौरान मातृत्व अवकाश मांगने पर उनकी बिना तनख़्वा काटे उन्हें अवकाश मिल सकता है। उन्हें यह मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत प्रसव के बाद 6 महीने तक वेतन में कोई कटौती नहीं होगी और बाद में जॉब जॉइन कर सकती है।
4.गरिमा और शालीनता का अधिकार
अगर किसी क़ानूनी मामले में महिला पर आरोप है तो उसी शारीरिक जाँच सिर्फ़
महिला ही कर सकती है। भले ही कोई अपराधी क्यों न हो उसकी गरिमा और इज्ज़त बनाएं रखना जरुरी है। रात के समय और सूरज उगने से पहले महिला की गिरफ्तारी भी बिना मजिस्ट्रेट के आर्डर के मना है।
5.मुफ्त क़ानूनी मदद
बलात्कार के मामले में महिला को मुफ़्त क़ानूनी सेवा मिलने का अधिकार है। SHO( स्टेशन हाउस अफसर) की ड्यूटी बनती है कि वो लीगल सर्विस अथॉरिटी को वकील की व्यवस्था करने को सूचित करें।