5 Rape Laws In India: भारत एक ऐसा देश है, जहां औरतो को पूजा जाता है, फिर भी समाज उन्हें चैन से जीने नहीं देता, हर तरह से उनको स्ट्रगल करना पड़ता है, निर्भया सामूहिक बलात्कार जैसे मामले हैं, जो हमे आज भी चैन की सांस नहीं लेने देते है।
5 Rape Laws In India: पांच रेप कानून जो आपको पता होने चाहिए
1. रेप के खिलाफ कानून
IPC की धारा 375 में बलात्कार को डिफाइन किया गया तथा इसे एक दंडनीय अपराध की संज्ञा दी गई। IPC की धारा 376 के तहत बलात्कार जैसे अपराध के लिये कम से कम सात वर्ष तथा अधिकतम आजीवन कारावास की सज़ा दी जाती है।
2. नाबालिग बच्चियों से छेड़खानी के खिलाफ
क्रिमिनल कानून लॉ , 2018 पास्ड किया गया, जिसमें पहली बार यह नियम तेह किया गया कि 12 वर्ष से कम आयु की किसी बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में कम से कम 20 वर्ष के कारावास या मृत्युदंड की सज़ा दी जाएगी । इसके तहत IPC में एक ननयी सज़ा जोड़ दी गयी जिसके द्वारा 16 वर्ष से कम आयु की किसी लड़की के साथ हुए बलात्कार के लिये न्यूनतम 20 वर्ष का कारावास तथा अधिकतम उम्र कैद की सज़ा हो सकती है।
3. महिलाओं को वर्कप्लेस हैरेसमेंट के खिलाफ अधिकार है
वर्कप्लेस पर महिलाओं का सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट एक महिला को अपने वर्कप्लेस पर किसी भी तरह के सेक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार देता है।
4. महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार है
भारतीय संविधान की धारा 498 पति के घरेलू हिंसा से पत्नी, महिला लिव-इन पार्टनर या घर में रहने वाली महिला जैसे मां या बहन की रक्षा करती है। पीड़ित महिला को खुद की पहचान गुमनाम रखने का अधिकार है।
5. महिलाओं को पीछा किए जाने के खिलाफ अधिकार है
IPC की धारा 354 डी एक अपराधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए रास्ता बनाती है, यदि वह किसी महिला का पीछा करता है, अरुचि के स्पष्ट संकेत के बावजूद बार-बार व्यक्तिगत बातचीत को बढ़ावा देने के लिए उससे संपर्क करने का प्रयास करता है।