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औरतों को सपोर्ट करने से आप सोसाएटी में ये 5 बड़े बदलाव ला सकते हैं

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Swati Bundela
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पढ़िये कि आपको औरतों को क्यों सपोर्ट करना चाहिए (महिला सशक्तिकरण)-


1. औरते आपकी दुश्मन नहीं हैं !!

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SheThePeople के साथ हुए एक इंटरव्यू में रत्ना पाठक बड़ी सटीक बात कहती हैं कि "औरत, औरत की दुश्मन होती नहीं है, बनाई जाती है क्योंकि ये पितृसत्तात्मक नियम जिसकी औरत रखवाली करती है वो बनाये किसी और ने है।" सोसाइटी ने हम औरतों की परवरिश ही ऐसी की है कि हम दूसरी औरतों के प्रति जलन और प्रतिस्पर्धा की भावना रखने लगती हैं क्योंकि हमारे बीच "बेस्ट" बनने की रेस लगी रहती है और बेस्ट बनने की शर्ते हम नहीं सोसाइटी तय करती है। कोई मॉडर्न विचारों की औरत हो तो हम उसे स्लट शेम करते हैं और कोई ट्रैडिशनल कपड़े पहनने वाली तो बहनजी कह देते हैं। ये सही समय है कि हम इस सोच से बाहर निकले और हर औरत की इंडिपेंडेंट चॉइसेस को सपोर्ट करें। हमें एक दूसरे की सबसे अच्छी सहेली बनने की ज़रूरत है।

2. आप दूसरी महिलाओं के संघर्षों को जान पाएँगी।

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हर स्त्री का संघर्ष एक जैसा नहीं होता, ख़ास करके भारत जैसे देश में जहाँ इतनी विभिन्नताएँ हैं। एक दलित स्त्री का संघर्ष सवर्ण स्त्री से निश्चित रूप में अलग होगा। हरियाणा के एक छोटे से गाँव की स्त्री का नज़रिया दिल्ली में पली लड़की से अलग होगा। जब हम स्त्रियों के साथ होंगे तब हमें ग्राउंड रियलिटी समझ आएगी। हम समझ पाएँगे कि हमारा विज़न कितना छोटा है और हमें कितना कुछ जानने की ज़रूरत है। आप अपने नारीवाद के आईडिया को तभी समावेशी(इंटरेक्शनल) बना सकती हैं जब आप बाकी महिलाओं के संघर्ष से जुड़ी हों।

3. हम साथ मिलकर कितना कुछ कर सकते हैं।

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एक नारी का सब पर भारी होना मुश्किल है लेकिन हज़ार नारियाँ मिल जाएँ तो क्रांति ला सकती हैं। अब आप सड़क पर निकल कर रिवॉल्यूशन भले न करना चाहती हों पर अपने और आपसे जुड़ी महिलाओं के जीवन में बदलाव ज़रूर लाना चाहेंगी। बदलाव के लिए सपोर्ट का होना ज़रूरी है। जब आप औरतों के सपोर्ट में खड़ी होंगी तो उन्हें हिम्मत मिलेगी। उन्हें एहसास होगा कि वो अकेली नहीं हैं और वो दोगुने हौसले से अपने जीवन में बराबरी की लड़ाई लड़ सकेंगी इसलिए जाइये औरतों को गले लगाइये और उन्हें बताइये कि आप उनके साथ हैं।

4. आप बेहतर इंसान बन पाएंगी।

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जब आप किसी का साथ देती हैं, किसी की मदद करती हैं तो आपका व्यक्तित्व भी निखरता है। दूसरों की चॉइसेस और फ़ैसलों को एक्सेप्ट करने और उन्हें बढ़ावा देने का हुनर सबमें नहीं होता। इस प्रोसेस में आप पहले से ज़्यादा समझदार और लिबरल होती जाएँगी। जब भी औरतें अपनी लाइफ की कमांड अपने हाथ में लेती हैं, उन्हें बड़ी आसानी से जज कर लिया जाता है और ये आपसे ज़्यादा कौन समझता है? ऐसे में आपका उनका साथ देकर बेहतर इंसान बन रही हैं।

5. जितना आप महिलाओं को सपोर्ट करेंगी उतना हम जेंडर इक्वालिटी की तरफ़ बढ़ेंगे।

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जेंडर इक्वालिटी लाना एक रात का काम नहीं है, ये एक लम्बी प्रक्रिया है। हमारी लड़ाई लगभग 4000 साल पुराने सिस्टम से है इसलिए ये लड़ाई अकेले नहीं जीती जा सकती। हम सबको एक दूसरे का सपोर्ट चाहिए। जितना ज़्यादा हम एक दूसरे के मुद्दों के प्रति जागरुक होंगे, हमारा पक्ष उतना ही मज़बूत होता जाएगा। और हम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे पाएंगे.

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#फेमिनिज्म महिला सशक्तिकरण
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