हर किसी के जीवन में ऐसा टाइम आता है जब वो बहुत लौ फील करते है, उदास रहते है और उसके पीछे कोई ना कोई वजह होती है पर उस सिचुएशन से निकलकर कर आगे बढ़ना ही जीवन है। कहने को आज सब खुश है पर अंदर से खालीपन, उदास मन से झूझ रहे है। मन से खुश होना उनके पूरे जीवन, डेली रूटीन से लेकर करियर तक को अफ्फेक्ट करता है। उदास होने के वैलिड रीज़न होने के साथ कुछ ऐसे कारण भी है जिन्हें अवॉयड करना ही सुखी जीवन के लिए बेहतर है।
1. चिंता करना
बड़े-बुजर्ग कहते थे "चिंता चिता के समान होती है" और यह सच भी है। किसी भी बात को लेकर चिंता करना ,कंसर्न करना जायज़ है पर ओवर कंसर्न, ज़रूर से ज़्यादा चिंता नकरात्मक भावनाओं को अट्रैक्ट करते है और यह हैबिट बन जाए तो जीवन चिता के समान हो जाता है। जहाँ व्यक्ति अंदर से जलता रहता है।
2. पश्चाताप
अनइंटेंशनली व्यक्ति कुछ ना कुछ कार्य कर देता है जिसे उसका पछतावा ज़िन्दगी भर होता है और यह ज़रूरी नहीं किसी बड़ी चीज़ का हो, यह कुछ फनी इंसिडेंट भी हो सकता है पर मन में जब बात घर कर लेती है तो बार-बार याद आने पर मन दुखी होता है और आपके हैप्पी मोमेंट्स को ख़राब कर देता है।
3. शिकायत
जब किसी की कोई बात बुरी लगती है, किसी से शिकायत होती है और मन में रह जाती है तो नेगेटिव एनर्जी का वास मन में होना शुरू हो जाता है जो दुखी मन और उदास का कारण बनता है। मन में दबी हुई बात हमेशा दिमाग में घूमती रहती है।
4. कम्पैयर करना
पेरेंट्स हो या टीचर, समाज हो या परिवार हर माहोल में एक दूसरे से कम्पैयर करना लगा रहता है। मार्क्स से लेकर करियर चोइसस में एक दूसरे से कम्पायरिंग चलती रहती है। यह किसी भी तरीके से मोटिवेशनल नहीं है बल्कि मेंटली डिस्टर्ब कर देने वाले है, जो मन को दुखी करता है।
5. खुद को दोष देना
मनचाही चीज़ ना मिलने का गम, मनचाही ना होने गम, डिसअपॉइंटमेंट तो जीवन का एक पड़ाव है पर इन पुरानी बातों को लेकर बैठे रहना, किस्मत को दोष देते रहना, ऐसा बेहेवियर रखने से आप खुद को दुखी कर रहे है। खुद के दुःख का कारण बन रहे है।