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1. तुम्हारे पास शादी हमेशा एक बैक-अप ऑप्शन के रूप में है
आज भी लड़कियों के जीवन के अंतिम लक्ष्य को शादी माना जाता है। ना सिर्फ घरवालें या रिश्तेदार बल्कि एक लड़की को ऐसी बातें उसके कॉलेज के प्रोफेस्सोर्स या सहपाठी भी कह देते हैं। आज भी यही समझा जाता है की अगर एक लड़की के साथ कुछ भी गलत हुआ तो इसमें क्या दिक्कत होगी बस उसे तुरंत अपना "करियर" छोड़ कर "शादी" कर लेनी है।
2. फेमिनिस्ट जैसी बातें मत करो
अगर कोई लड़की अपना ओपिनियन देने लगे तो घर में कहा जाता है की वो कॉलेज जा कर बहक गई है। वहीं अगर लड़की कॉलेज में अपना किसी बात पर ओपिनियन देने लगे तो कहा जाता है की वो फेमिनिस्ट की तरह बात कर रही है। इस तरह की शेमिंग के बाद भी अगर कोई लड़की किसी गलत ट्रीटमेंट और किसी अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाती है तो ये समाज उसे "डिफिकल्ट" का टैग देने में ज़रा सा भी पीछे नहीं हटता है।
3. कैटकॉलिंग बस फन के लिए किया जाता है इसका इशू मत बनाओ
कॉलेज लाइफ हर किसी के लिए आसान नहीं होता है। विशेष कर एक लड़की को इस दौरान बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर वो अपने या किसी और लड़की के साथ हुए कैटकॉलिंग और स्ट्रीट हरस्मेंट को लेकर आवाज़ उठाये तो सबसे पहले ये सेक्सिस्ट सोसाइटी ये कहती है की ये बस फन के लिए किया जा रहा था इस बात को इशू बनाने का कोई मतलब नहीं है।हमारी सोसाइटी में लड़कियों के सेल्फ-रेस्पेक्ट और कॉन्फिडेंस को शैटर करके लड़कों को फन करने की इजाज़त मिली हुई है।
4. तुम्हें पहला कदम नहीं उठाना चाहिए
लड़कियों को हमेशा शर्मीली और सॉफ्ट-स्पोकन माना जाता है। इसलिए हो सकता है की आपके कॉलेज में आपकी फ्रेंड्स ही आपको किसी भी काम में पहला इनिशिएटिव उठाने से मन कर दे। ये सोसाइटी के बनाये हुए फालतू और दकियानूसी सोच को अगर फॉलो किया जाए तो कोई लड़की कभी कुछ अचीव नहीं कर पाएगी।
5. तुम "गुड गर्ल" हो इसलिए तुम्हें अच्छे मार्क्स मिल गए
कॉलेज में सबसे ज़्यादा लड़के आपकी कामयाबी को समझ नहीं पाते हैं। कुछ लड़कों का ईगो इतना बड़ा होता है की उन्हें ये बात बर्दाश्त ही नहीं होती है की कोई लड़की उससे बेहतर मार्क्स स्कोर कर सकती है। ऐसे में अपने ईगो को सैटिस्फाई करने के लिए एक लड़की को सबसे पहले यही कहा जाता है की क्योंकि वो एक "गुड गर्ल" है इसलिए उसे अच्छे मार्क्स मिल गए। इस बात से उस लड़की को ये समझाने की कोशिश की जाती है की उसके अच्छे मार्क्स स्कोर करने में असल में उसका कोई हाथ नहीं है जो सरासर गलत है।