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5 Things Men Should Know: ये 5 बातें हर आदमी को होनी चाहिए पता

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Swati Bundela
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महिलाएं अपने हक को समझना सीख रही है और अपने हक के लिएं लड़ना उनकी जरूरत समझती हैं। उसी तरह पुरषों ने भी कुछ बाते समझ लेनी चाहिए। जैसे किसी भी पुरुष को किसी भी चीज में महिलाओं की मदद लेने में कमी महसूस नही करनी चाहिए। जानिए ऐसी कुछ बाते जो पुरुष अपनाने से शरमाते है या खुद की कमी समझते है लेकिन वो नॉर्मल है।

ये 5 बातें हर आदमी को होनी चाहिए पता (5 Things Men Should Know)


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1. भावनाए व्यक्त करना गलत नही होता


चाहे महिला हो या पुरुष, भावनाए सबको होती है। तो अगर कोई पुरुष रोता है तो उसमे कोई बुराई नही। हमेशा लडको को सिखाया जाता है कि " लड़के रोते नही", लडको को ऐसी सीख देना गलत हैं। हर इंसान को अपने भावनाओ को व्यक्त करना आना चाहिए। कभी किसी भी पुरुष को ज्यादा इमोशनल होने के लिए चिढ़ाना नही चाहिए। हर एक पुरुष को रोना या डरना ऐसी भावनाए दर्शाने में बुराई नही समझनी चाहिए।

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2. जिम्मेदारियां बाटनी चाहिए


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ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं की घर की सारी जिम्मेदारी घर के पुरुष ही ले। इसमें महिलाएं भी हाथ बटा सकती हैं। कई पुरष महिलाओं की मदद लेने से शरमाते है। या फिर महिलाओं की मदद लेना पुरषों की कमी समझते है। ऐसा बिल्कुल नही महिला और पुरष जिम्मेदारियों को बाटकर रह सकते हैं।


3. घर का काम करने मे कोई बुराई नही होती

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अभी तक ऐसा ही माना जाता था कि बाहर के काम पुरषों की जिम्मेदारी और घर के काम महिलाओं की जिम्मेदारी। पर अब जमाना बदल चुका है। महिलाएं सिर्फ घर में नही रहना चाहती अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है। तो अगर कोई पुरुष घर के काम करने में मदद करे तो उसमे कोई बुराई नही है। घर के काम करना ये घर के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है। इसे सिर्फ महिलाओं का काम समझा जाए तो ये गलत है।


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4. सजना संवरना सिर्फ लड़कियों के लिए नही होता


जैसे महिलाओं को मेकअप करना पसंद होता है या सजना पसंद होता है वैसे ही कई पुरषों को भी इसका शौक हो सकता है। अगर कोई पुरुष मेकअप करता है और उसे सजना संवरना पसंद है तो इसमें कोई बुराई नही। क्योंकि सजना संवरना सिर्फ लड़कियों के लिए नही बना है।

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5. फेमिनिस्ट होने से आप फेमिनिन नही बन जाते


अगर कोई पुरुष फेमिनिज्म को मानता है तो इसका मतलब ये नही की वो फेमिनिन है। इसका मतलब ये भी नही कि उसे स्त्री बनाना पसंद है। कई पुरुष ये चाहते है कि महिलाओं को पुरुषो के समान सारे अधिकार मिले। इसलिए फेमिनिज्म को मनाना मतलब पुरुषत्व ना होना ऐसा बिल्कुल भी नही।


फेमिनिज्म सोसायटी
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