आत्मनानिर्भरता ये आज की जरूरत है। हर इंसान स्वयं के बल पर आगे बढ़े और खुद के लिए कुछ करे यही चाहता है। लेकिन जब बात महिलाओं की हो उनके भविष्य की जिम्मेदारी उन्हे लेने का हक देना गलत माना जाता है। महिला सशक्तिकरण तब ही हो सकता है जब वो अपने पैरो पर खड़ी रहेगी।
महिलाओं को खुद की जिम्मेदारी खुद लेना बहुत जरूरी है। लड़कियां अपने पिता पर पैसे के लिए निर्भर होती है और अगर शादी हो जाए तो अपने पति पर निर्भर होती है। यही समाज में होता आया है और कई महिलाएं इसे अपनाती भी है। लेकिन उस वक्त क्या जब पिता या पति न हो और महिलाओं को खुद की जिम्मेदारी खुद लेनी पड़े? इसलिए महिलाओं का फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी है।
महिलाओं के फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने के लाभ
• महिलाओं को पैसों के लिएकिसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। महिलाएं अपने जरूरत की चीजें खुद खरीद सकती है उसे हमेशा किसी को मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।अगर ऐसा समय आए की किसी महिला को सारे खर्चे खुद उठने पड़े तो वो डगमगाएगी नही।
• जब महिलाएं खुद कमाती है तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। क्योंकि अब वो किसी पर भी निर्भर होती, वे अपने खर्चे खुद उठा सकती है। समय आने पर महिलाएं अपने माता पिता का खयाल रख सकती है और इसके लिए उन्हे कोई रोक नहीं सकता। इसलिए महिलाओं का फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी होता है।
• जब महिलाएं आत्मनिर्भर या फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होती है तो वो खुद के फैसले खुद ले सकती है और उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। महिलाओं पर रोक टोक लगाई जाती है क्योंकि वो खुद किसी पर निर्भर रहती है। लेकिन जब एक महिला खुद कमाए और खुद के खर्चे खुद उठने के काबिल हो तो खुद के फैसले लेने से बिलकुल नही कतराती।वो बड़े आत्मविश्वास से मुश्किलों का सामना करती है और आगे बढ़ती है।
•एक महिला जब फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होती है तो अपना घर संभालने में अपने पिता की या पति की मदद कर सकती है। इससे घर संभालने का बोझ सिर्फ घर के पुरुष पर नही होता और घर की आर्थिक मदद भी होगी। जब महिलाएं घर के पुरुषो के कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी तो उन्हे खुद में कोई कमी महसूस नही होगी। वो खुद को कामयाब और खुश देख पाएगी।
• सबसे जरूरी बात ये है कि जब एक महिला फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होती है तो वो दूसरी महिला के लिए भी मिसाल बनती है। इससे हर महिला किसी महिला को आत्मनिर्भर देख कर खुद भी आत्मा निर्भर बनना चाहेगी। इससे हर घर में सशक्त महिला होगी और इससे देश की भी प्रगति होगी।