एडजस्टमेंट हर रिलेशनशिप का एक बहुत ही जरूरी या इंपॉर्टेंट हिस्सा होता है। हर इंसान अपने पार्टनर से यह चाहता है कि वह उनके साथ उतना ही एडजस्ट करे जितना कि वह उनसे करने की उम्मीद रखता है। लेकिन अगर किसी रिलेशनशिप में एडजस्टमेंट का जिम्मा पूरी तरीके से एक ही इंसान पर पड़े तो उसे क्या करना चाहिए? किसी भी रिश्ते को सक्सेसफुल बनाने के लिए एडजस्टमेंट और कॉम्प्रोमाइज दोनों पार्टनर्स को करने चाहिए।एडजस्टमेंट - शादी
एडजस्टमेंट कहां तक ठीक है और कब तक? क्या हमने कभी इस बारे में सोचा है?
शादी के बाद एडजस्टमेंटएडजस्टमेंट - शादी
अगर ऐसी स्थिति किसी रिलेशनशिप में शादी के बाद उत्पन्न हो जहां पर एक इंसान को ज्यादा एडजस्ट करना पड़ रहा है तो क्या उसे उस रिलेशनशिप को सिर्फ़ इसलिए बचाए रखना चाहिए क्योंकि सोसाइटी आज भी तलाक को ठीक नहीं मानती है। लड़को को भी एडजस्ट करना सीखना होगा। किसी भी व्यक्ति को इस रिश्ते में नहीं रहना चाहिए जिसमें उसे खुशी न मिले।
अगर लड़का एडजस्ट करे तो
हमारी सोसाइटी को किसी भी बात से संतुष्टि नहीं हो सकती है। आप चाहे जो भी करें, लोग आपमें कोई न कोई खोट निकालेंगे ही। अगर एक लड़का एडजस्ट करता है तो सोसाइटी उन्हें कोई शाबाशी नहीं देती है बल्कि उन्हें जोरू का गुलाम कहती है। या फिर उन्हें यह चीज भूलने नहीं देती कि उनकी बीवी उनके बराबर कमाती है। सोसाइटी लड़कों से ये कहती है कि तुम अपनी शादी में इतना एडजस्ट कर रहे हो इसलिए तुम कितने महान हो।
औरतों को गलत सीख
क्या आपने कभी देखा है कि किसी ने एक औरत से कहा हो, तुम अपनी शादी में इतना एडजस्ट कर रही हो, तुम कितनी महान होंगी। नहीं, कभी नहीं शायद। औरतों को बचपन से यही सिखाया जाता है कि शादी में एडजस्ट करना आपका काम है। आपको अपनी लाइफ में अपने परिवार के अलावा किसी भी चीज को प्रायोरिटी नहीं देनी चाहिए। अपनी शादी और अपने परिवार को संजोह के रखने के लिए आप को जितना एडजस्टमेंट करने पड़े उतना आपको करना चाहिए। इस सोच को बदलना होगा।एडजस्टमेंट - शादी
यदि शादी टूट जाए तो लड़की को गलत ठहरा दिया जाता है
अगर एक शादी कमजोर पड़ रही है या बिखर रही है तो उसके लिए भी एक लड़की को ही गलत जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। उसे यह कहा जाता है कि जरूर तुमने ही कुछ गलत किया होगा या तुम शायद उतना एडजस्ट नहीं कर पा रही हो, थोड़ा और कोशिश करो एडजस्ट करने की और न जाने क्या-क्या। एक लड़की को अक्सर अपनी इच्छाएं, विचार और ख्वाहिशों का बलिदान करने को कहा जाता है जोकि बहुत गलत है।
लड़को को भी एडजस्टमेंट करना सीखना होगा
इस समस्या का समाधान एक ही है कि लड़का और लड़की दोनों आपस में बैठ कर इस विषय पर बात करें। दोनों में से किसी एक पर एडजस्टमेंट का पूरा जिम्मा न आए, इस चीज़ का दोनों को ध्यान रखना होगा। एक-दूसरे की मजबूरी, कर्तव्य और इच्छाओं को अच्छे से समझना होगा। तभी शायद खुशी से रहना मुमकिन है।