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1. अपनी ज़रूरतों को ऐनालाइज़ कीजिये
हमें ये समझने में समय लग सकता है कि एक रिलेशनशिप से हम वाकई में क्या चाहते हैं इसलिए कमिटमेंट से पहले ख़ुद को थोड़ा समय ज़रूर दें। इससे पहले कि आप लोगों को डेट करना शुरू करें, ये ज़रूर ऐनालाइज़ करें कि सामनेवाले व्यक्ति से आपकी उम्मीदें क्या हैं। ऐसा ना हो कि आप पहले ही लोगों को अपनी ज़िंदगी में एंट्री देदें और फ़िर समझ आये कि वो तो आपकी बेसिक ज़रूरतों को भी फ़ुलफिल नहीं कर पा रहे। जल्दबाज़ी ना करें वरना आगे चल के समस्यायें आएँगी।
2. बहुत ज़्यादा एक्सपेक्ट मत करिए
कई बार हम लोगों से मिलने से पहले ही उनके बारे में बड़ी राय बना लेते हैं और फ़िर उनसे अपने उम्मीदों पर खरा उतरने की आशा रखते हैं। जब ऐसा नहीं होता हम उदास हो जाते हैं। आप लम्बे समय से रिलेशनशिप में हों या पहली बार डेट पर जा रहे हों इतना समझ लीजिये कि बहुत ज़्यादा एक्सपेक्ट करने से आपके पार्टनर पर बेवजह प्रेशर पड़ेगा और आप दोनों को निराशा मिलेगी।
आपको समझना होगा कि सब कुछ आपके अनुसार नहीं हो सकता इसलिए उतना ही एक्सपेक्ट करिए जितना पाना संभव हो। आपको रियल और अनरियल एक्सपेक्टेशन्स के बीच लाइन ड्रॉ करनी होगी।
3. किसी और से अपने जैसे होने की उम्मीद मत रखिये
आप भले ही एक कमाल के इंसान हों लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आपके साथी भी बिल्कुल आपकी तरह होंगे। आपको समझना चाहिए कि हर किसी की परवरिश अलग ढंग से होती है और कोई भी दो लोग पूरी तरह सेम नहीं हो सकते। आपके और आपके साथी के बीच अगर कुछ चीज़ें कॉमन हैं तो कुछ अलग भी होंगी।
अगर आप उनसे अपनी तरह होने की उम्मीद रखते हैं तो इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि आप उन्हें उनके असल रूप में एक्सेप्ट नहीं कर सकते। ऐसे में आपके साथ होने का कोई मतलब नहीं निकलेगा। लोग बदल नहीं सकते इसलिए कम्पैटिबिलिटी चेक करने के बाद रिलेशन में आइये।
4. हर जगह पर्फेक्शन की तलाश मत करिए
जब आप किसी को पसंद करते हैं तो आपको लगता है कि ये दुनिया का सबसे अच्छा इंसान है, इससे तो कोई गलती हो ही नहीं सकती। आप उनमें पेर्फेशन की तलाश करने लगते हैं। ये अवधारणा बिल्कुल गलत है। आपके साथी आपके लिए बेस्ट हो सकते हैं पर वो आपकी पर्फेक्ट की परिभाषा में फिट बैठें ये ज़रूरी नहीं। उनसे गलतियाँ हो सकती हैं, वो शक्तिमान नहीं हैं। उन्हें हीरो की तरह देखना बन्द कर दीजिये।
5. अपनी हकीकत से दूर ना जाएँ
किसी और से एक्सपेक्टेशन्स रखने से ख़ुद को देखिये। पहले समझिये कि आप कौन हैं। क्या आप उनकी उम्मीदों को सैटिसफ़ाइ कर पा रहे हैं या सिर्फ़ अपनी उम्मीदों को उनपर थोपे जा रहे हैं। जब आप अपनी कैपाबिलिटी को ऐनालाइज़ कर लेंगे तो उनसे अनरियलिस्टिक उम्मीदें रखना बन्द कर देंगे।
ये थे रियलिस्टिक एक्सपेक्टेशन्स रखने के तरीके।