अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : एक महिला जो मुझे इंस्पायर करती है और क्यों

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Swati Bundela
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जैसा हम सभी जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (इंटरनेशनल विमेंस डे) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के हक, खुशी, त्याग, जज़्बे, उपलब्धियां आदि को याद कर पूरे विश्व में सेलिब्रेट किया जाता है। यह दिवस हर व्यक्ति के लिए इंपोर्टेंट है क्योंकि सभी के जीवन में एक या उससे अधिक महिलाएं होती ही है जो उनके लिए प्रेरणा स्रोत हो।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

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एक इंस्पिरेशनल या इनफ्लूएंसियल वूमेन वो होती है जिसकी बातों या कार्यों से हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में असर पड़ता हो। हमारे कोई भी कार्य या कदम उठाने के पीछे उन्हीं की सीख हो। वे चाहे तो हमारी मां, बहन, दादी, बेटी, मौसी, अध्यापिका या कोई अन्य किसी भी रूप में हो सकती हैं।





मुझे मेरी माँ सबसे ज्यादा प्रेरित करती हैं। वो इन कारणों की वजह सेअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस





1)मेरा वजूद मेरी माँ से है





मां केवल जन्म ही नहीं देती बल्कि हमें नया जीवन भी देती है। जन्म से लेकर अब तक उन्होंने एक मां, पत्नी और एक दोस्त के रूप में मुझे बहुत कुछ सिखाया है। वे हर रूप, हर भाव में मेरे लिए सृजन, चेतना और शक्ति का प्रतीक हैं। मैं आज जो कुछ भी हूं और आगे जीवन में जो भी बनूंगी, हासिल करूंगी, वो मेरी मां की वजह से ही।

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2) प्रथम शिक्षक माँ





शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं। शिक्षा हमारे समाज की आत्मा है जो कि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती है। मेरी प्रथम पाठशाला मेरा घर और प्रथम शिक्षक मेरे माता-पिता हैं। मेरी मां शिक्षित है इसीलिए वह मुझे खुद से अधिक शिक्षित करने का हमेशा प्रयास करती रहती हैं। वह मुझे केवल किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि प्रैक्टिकल नॉलेज लेने को भी कहती है जोकि हमारे जीवन यापन के लिए आवश्यक है।





3) कठिन समय में सहाराअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस





मेरी मां ने मुझे सिखाया कि मजबूत खुद के लिए होना पड़ता है। किस्मत का लिखा तभी मिलेगा जब हम मेहनत करेंगे। उन्होंने मुझे धैर्य के साथ हर कार्य को सिद्ध करना सिखाया। वह कठिन समय में हमेशा मेरे साथ थी और मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा। उन्होंने मुझे हर प्रॉब्लम से बिना डरे, उसका सामना करना सिखाया। मेरी मां ने मुझे सिखाया कि कैसे लाइफ में आने वाली ऑपर्च्युनिटीज को कैसे उपयोग में लेना चाहिए। 





मेरा मानना है कि हर व्यक्ति की प्रेरणा स्त्रोत में उसकी मां का नाम तो होना ही चाहिए। एक मां आपको केवल बोलकर ही नहीं बल्कि अपने कार्यों को सिद्ध कर भी आपको बहुत कुछ सिखाती है। अंत में मैं यही कहूंगी कि मां हमारे पूरे जीवन काल में हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कुछ न कुछ शिक्षा देती ही हैं और इतने संक्षेप में इस विषय पर बात करना नामुमकिन है।

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#फेमिनिज्म सोसाइटी